तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद करने की मांग को लेकर दिल्ली-एनसीआर के चारों बॉर्डर (सिंघु, टीकरी, गाजीपुर और शहजहांपुर) पर पंजाब-हरियाणा के साथ राजस्थान और यूपी के किसान जमा हैं। इससे दिल्ली-एनसीआर के हजारों लोगों को रोजाना आवाजाही में परेशानी का सामना करना पड़ा है। इसके चलते जहां एक ओर लोगोंं को समय जाया हो रहा है, वहीं आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ रहा है। क्योंकि लोगों को कई किलोमीटर घूमकर अपना सफर तय करना पड़ रहा है।

उधर, तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में बंद दिल्ली-एनसीआर की सीमाओं को खुलवाने की मांग को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। इस पर सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने केंद्र व दिल्ली सरकार के साथ ही दिल्ली के पुलिस अधिकारियों से याचिका को प्रतिवेदन के तौर पर लेकर कानून व नियमों के मुताबिक उचित निर्णय लेने का निर्देश देते हुए याचिका का निपटारा कर दिया।
इसमें याचिकाकर्ता व अधिवक्ता हिमांशु कौशिश ने दिल्ली की सीमाओं पर लगाए गए बैरिकेड हटाने का निर्देश देने की मांग थी। उन्होंने याचिका में कहा था कि 26 नवंबर, 2020 से शुरू हुए प्रदर्शन के बाद से ही लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इससे सीमाओं पर बैरीकेड होने के कारण सिंघु, औचंदी, लामपुर, टिकरी आदि सीमाओं पर यातायात प्रतिबंधित है और हर दिन हजारों लोग परेशान हो रहे हैं। वहीं, राष्ट्रीय राजमार्ग-नौ पर गाजीपुर पर बैठे प्रदर्शनकारियों के कारण लोगों को दिल्ली आने व दिल्ली से नोएडा-ग्रेटर नोएडा जाने में दिक्कत हो रही है।
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