करीब तीन साल पहले बने इस अंडरपास की छत में जगह-जगह दरारें आने से लगातार पानी का रिसाव हो रहा है। ऐसे में कभी भी कोई हादसा हो सकता है।
बेनिटो जुआरेज मार्ग पर 143 करोड़ रुपये से तैयार हुआ अंडरपास बदहाल स्थिति में है। करीब तीन साल पहले बने इस अंडरपास की छत में जगह-जगह दरारें आने से लगातार पानी का रिसाव हो रहा है। इससे सड़क पर फिसलन हो गई है और वाहन चालकों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में कभी भी कोई हादसा हो सकता है।
आलम ये है कि जिस जगह से रिसाव हो रहा है, उसका पता नहीं चल पा रहा है। तीन अलग-अलग एजेंसियां रिसाव का पता लगा रही हैं। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की ओर से रिसाव रोकने के लिए अस्थायी उपाय किए गए हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं हो रहा है। शनिवार को भी विभाग की ओर से मरम्मत कार्य किया गया।
आलम ये है कि जिस जगह से रिसाव हो रहा है, उसका पता नहीं चल पा रहा है। तीन अलग-अलग एजेंसियां रिसाव का पता लगा रही हैं। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की ओर से रिसाव रोकने के लिए अस्थायी उपाय किए गए हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं हो रहा है। शनिवार को भी विभाग की ओर से मरम्मत कार्य किया गया।
वर्ष 2014 में धौला कुआं के पास इस अंडरपास की योजना बनी थी। इसका मकसद गुरुग्राम, महिपालपुर और द्वारका की ओर से आने वाले यातायात को कम करना था। अनुमान लगाया गया था कि यदि यातायात राव तुलाराम मार्ग होते हुए बेनिटो जुआरेज मार्ग के अंडरपास से एम्स की ओर निकल जाए तो धौला कुआं पर यातायात के दबाव में 25 फीसदी की कमी होगी। जुलाई 2022 में अंडरपास बनकर तैयार हुआ।
इसके बाद से रिसाव शुरू हो गया। एजेंसियों की तरफ से कुछ अस्थायी उपाए किए गए, लेकिन पूरी तरह से रिसाव नहीं रोका जा सका। पीडब्ल्यूडी, जल बोर्ड और नई दिल्ली नगरपालिका परिषद की ओर से रिसाव का पता लगाने व रोकने के लिए काम किया जा रहा है। जल बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि खुदाई कर जांच की गई, लेकिन रिसाव नहीं मिला।
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