भारत की थोक मुद्रास्फीति की दर मार्च में घटकर 5.70% हो गई, जो पिछले महीने में 6.55% थी। इससे पहले मंत्रालय ने जनवरी की थोक मूल्य सूचकांक में 5.25% से 5.53% की वृद्धि दर्ज की थी। फरवरी 2017 के महीने में देश का थोक मूल्य सूचकांक 6.6% था, जो कि जनवरी 2017 में 5.25% और पिछले साल के इसी महीने के दौरान 0.85% था।

खाद्य पदार्थ व फ्यूल के थोक दामों में बढ़ोतरी की वजह से फरवरी माह की थोक मुद्रास्फीति दर 6.55 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई थी, जो कि पिछले 39 महीनों में सबसे अधिक थी। फरवरी माह में खाद्य वस्तुओं की थोक मुद्रास्फीति दर 2.69 फीसदी रही, जबकि इस साल जनवरी में खाद्य वस्तुओं की थोक महंगाई दर नकारात्मक 0.56 फीसदी दर्ज की गई थी।
वहीं फरवरी माह की खुदरा महंगाई दर बढ़त के साथ 3.65 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई थी, जबकि इस साल जनवरी में यह दर 3.17 फीसदी थी। खाने-पीने की चीजों की खुदरा महंगाई दर फरवरी माह में 2.01 फीसदी रही, जबकि गत जनवरी में यह दर मात्र 0.61 फीसदी थी।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक गत नवंबर से थोक मुद्रास्फीति दर में लगातार इजाफा हो रहा है। इस साल फरवरी में फ्यूल व पावर (ईंधन व बिजली) की थोक मुद्रास्फीति दर 21.02 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई थी। फरवरी माह में हाई स्पीड डीजल के थोक दाम में 33.14 फीसदी का इजाफा रहा। चीनी के दाम में 21.22 फीसदी तो खाद्य तेल में 5.70 फीसदी की तेजी रही। आंकड़ों के मुताबिक गैर खाद्य पदार्थों के थोक दाम में फरवरी माह में पिछले साल फरवरी के मुकाबले 6.53 फीसदी की बढ़ोतरी रही। इस श्रेणी में सबसे अधिक खनिज पदार्थों के थोक दाम में 33.14 फीसदी की बढ़ोतरी रही।
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