देश में जानलेवा कोरोना वायरस का प्रकोप जारी है. इस वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में हर दिन इजाफा हो रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में अब इस महामारी से संक्रमित मरीजों की संख्या 78 हजार से ज्यादा हो गई है.
मंत्रालय के मुताबिक, अबतक 78 हजार 03 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं.अबतक 2549 लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि 26235 लोग ठीक भी हुए हैं. पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के मामलों में 3,722 की बढ़त हुई और 134 मौतें हुईं.
स्वास्थय मंत्रालय के मुताबिक, महाराष्ट्र में 975, मध्य प्रदेश में 232, गुजरात में 566, दिल्ली में 106, तमिलनाडु में 64, तेलंगाना में 34, आंध्र प्रदेश में 47, कर्नाटक में 33, उत्तर प्रदेश में 83, पंजाब में 32, पश्चिम बंगाल में 207, राजस्थान में 121, जम्मू-कश्मीर में 11, हरियाणा में 11, केरल में 4, झारखंड में 3, बिहार में 7, ओडिशा में 3, असम में 2, हिमाचल प्रदेश में 2, मेघालय में 1 मौत हुई है
देश में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में हैं, जहां संक्रमित मरीजों की संख्या 25922 है. इसके बाद दूसरे नंबर पर गुजरात है, जहां 9267 मामले हैं. तीसरे नंबर पर तमिलनाडु में 9227, राजधानी दिल्ली में 7998 मामले, राज्यस्थान में 4328 मामले, मध्य प्रदेश में 4173, उत्तर प्रदेश में 3729, आंध्र प्रदेश में 2137, तेलंगाना में 1367 और बिहार में 940 मामले हैं.
कोरोना वायरस संक्रमण के संकट काल में मिल रही आर्थिक चुनौतियों का सामना करने के लिए केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को 20 लाख करोड़ रुपये के मेगा राहत पैकेज के तहत 15 प्रमुख घोषणाएं कीं.
एमएसएमई के लिए तीन लाख करोड़ रुपये का कोलेटल फ्री यानी बगैर किसी जमानत या बंधक के कर्ज प्राप्त करने की व्यवस्था की है, जिसका फायदा करीब 45 लाख कारोबारियों को मिलेगा.
यह कर्ज चार साल के लिए होगा और एक साल मूलधन चुकाने में राहत मिलेगी. इसमें 100 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाले एमएसएमई को 25 करोड़ रुपये तक का कर्ज मिल पाएगा.
संकटग्रस्त एमएसएमई के लिए 20 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इससे दो लाख से ज्यादा एमएसएमई को फायदा होगा.
बेहतर कारोबार करने वाले एमएसएमई में 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा. इनके लिए 10 हजार करोड़ रुपये के फंड ऑफ फंड की स्थापना की जाएगी.
वित्तमंत्री ने आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई से बढ़ाकर 30 नवंबर कर दी है. वहीं, टैक्स ऑडिट की आखिरी तारीख 30 सितंबर से बढ़ाकर 31 अक्टूबर की गई है.
रेलवे, सड़क परिवहन राजमार्ग और सीपीडब्ल्यूडी जैसी केंद्र सरकार की एजेंसियों के ठेकेदारों को उनके प्रोजेक्ट पूरे करने के लिए छह महीने का और समय दिया जाएगा.