राजधानी दिल्ली में हर साल ऐसे कई मौके आते हैं जब वायु प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ जाता है कि लोगों को सांस लेने में मुश्किलें आने लगती है। इसके लिए लोग एंटी-पॉल्यूशन फेस मास्क का इस्तेमाल करते हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद यहां हाइड्रोजन ईंधन की संभावना तलाशी जा रही है। इसके इस्तेमाल के लिए सरकार की हरी झंडी मिल गई है। हालांकि, शुरुआत में दिल्ली में कुछ बसों को इस ईंधन से चलाकर देखा जाएगा। अगर यह प्रयोग सफल हुआ तो भविष्य में एच-सीएनजी ईंधन से ही बसें चलेगी।
तकनीकी विशेषज्ञों का यह मानना है कि गाड़ियों में ईंधन के तौर एच-सीएनजी का उपयोग किया जाना कम खतरनाक है। इसके अलावा यह पर्यावरण के प्रदूषण को रोकता है। सीएनजी में 18 फीसद तक हाइड्रोजन की मात्रा होगी। इसके इस्तेमाल से सीएनजी की गाड़ियों की तुलना में H-CNG युक्त गाडि़यां 70 फीसद तक कम प्रदूषण करेंगी। इससे देश में प्रति व्यक्ति प्रदूषण की मात्रा में भी कमी आएगी। ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर एच सीएनजी क्या है। इसके फायदे क्या हैं।
1- H-CNG यानी हाइड्रोजन मिश्रित कंप्रेस नेचुरल गैस। इस ईंधन को सीएनजी में हाइड्रोजन मिलाकर तैयार किया जाता है। इसे भविष्य के ईंधन के रूप में देखा जा रहा है।
3- H-CNG के इस्तेमाल से वाहनों से होने वाले प्रदूषण में 70 फीसद तक कमी होने की उम्मीद है।
5- हाइड्रोजन का सबसे बड़ा लाभ यह है कि र्इंधन में प्रति ईकाई द्रव्यमान ऊर्जा इस तत्व में सबसे ज्यादा है। इसके अलावा यह चलने के बाद उप-उत्पाद के रूप में जल का उत्सर्जन करता है। इसके लिए ये न केवल ऊर्जा क्षमता से युक्त है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए काफी अनुकूल है।