तेलंगाना हाईकोर्ट में सोमवार यानि आज हैदराबाद एनकाउंटर मामले की सुनवाई है। फिलहाल सामूहिक दुष्कर्म के सभी आरोपियों की शवों को संरक्षित करके रखा गया है। कोर्ट के आदेशानुसार ही यह किया गया था। साइबराबाद पुलिस के खिलाफ एक शिकायत भी दर्ज कराई गई कि 6 दिसंबर को 4 आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने जो एनकाउंटर किया था, वो फर्जी था। इधर तेलंगाना सरकार ने भी एनकाउंटर पर उठ सवालों के बाद मामले में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन कमेटी (एसआइटी) का गठन कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट मामला सुनने को हुआ तैयार
सुप्रीम कोर्ट हैदराबाद एनकाउन्टर मामले में जनहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई करने को राजी हो गया है। हालांकि, जल्द सुनवाई की मांग पर कोर्ट ने कहा कि हैदराबाद हाईकोर्ट मामला देख रहा है। हाईकोर्ट में आज इस मामले की सुनवाई होनी है।
मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका
हैदराबाद एनकाउंटर को लेकर सुप्रीम कोर्ट में शनिवार को याचिका दायर की गई। इसमें एनकाउंटर की जांच और उसमें शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने की मांग की गई है। बता दें कि दो वकीलों ने यह याचिका दायर की है। इसमें कहा गया है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के 2014 के दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया गया है। हैदराबाद पुलिस ने शुक्रवार को बताया था कि सीन रीकंस्ट्रक्ट करने के लिए वो आरोपितों को घटनास्थल पर ले गई थी, जहां उन्होंने हथियार छीन कर पुलिस पर हमला कर दिया था और भागने की कोशिश की थी। पुलिस ने आत्मरक्षा में गोली चलाई थी, जिसमें चारों मारे गए थे।
NHRC ने दिए जांच के आदेश
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने इस घटना का संज्ञान लेते हुए इसकी जांच के आदेश दिए हैं। आयोग ने एक बयान में कहा है कि पुलिस मुठभेड़ चिंता का विषय है। इसकी सही तरीके से जांच कराई जाएगी। एनएचआर की टीम शनिवार को मौके पर पहुंची थी। उधर, तेलंगाना हाई कोर्ट ने शुक्रवार को ही राज्य सरकार को चारों आरोपितों के शवों को नौ दिसंबर तक सुरक्षित रखने का निर्देश दिया। मुख्य न्यायाधीश से एनकाउंटर को लेकर शिकायत किए जाने के बाद हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया। हाईकोर्ट ने शवों के पोस्टमार्टम की रिकॉर्डिग कराकर उसकी सीडी या पेन ड्राइव महबूबनगर के प्रधान जिला जज को देने का आदेश दिया।