कांग्रेस (Congress) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के इस्तीफे का असर बिहार पर भी पड़ा है। कांग्रेस ने बिहार में भी महागठबंधन (Grand Alliance) के नेताओं से भी ऐसे ही फैसले की मांग की। इस बीच बिहार में महागठबंधन की ड्राइविंग सीट पर रहे राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने विधानसभा (Bihar Assembly) में नेता प्रतिपक्ष (Leader of opposition) के पद से इस्तीफे की पेशकश कर दी है। आरजेडी विधायक दल ने इसे अस्वीकार कर दिया है।
तेजस्वी ने की इस्तीफा की पेशकश-
मिली जानकारी के अनुसार तेजस्वी यादव ने नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा देने की पेशकश की है। इसके बाद आरजेडी विधायक दल की आपात बैठक हुई, जिसमें इसे अस्वीकार कर दिया गया। बैठक में निर्णय लिया गया कि अगर इसके बावजूद तेजस्वी यादव नहीं मानते हैं तो पार्टी के सभी विधायक विधानसभा से इस्तीफा दे देंगे।
आरजेडी ने प्रस्ताव को किया खारिज –
इस बाबत आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि विधायक दल की बैठक में तेजस्वी यादव को इस्तीफा देने से मन किया गया है। पार्टी नेता एज्या यादव ने कहा कि तेजस्वी उनके नेता हैं और रहेंगे। आरजेडी नेता शक्ति यादव ने कहा कि तेजस्वी को नहीं, बिहार के बदहाल हालात के लिए जिम्मेदार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के नेताओं को इस्तीफा देना चाहिए।
कांग्रेस नेता ने मांगा था इस्तीफा-
विदित हो कि लोकसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके बाद कांग्रेस के मुख्य सचेतक राजेश कुमार ने कहा कि राहुल गांधी की तरह गठबंधन के अन्य लोग भी फैसला लें। उन्होंने आरजेडी व अन्य सहयोगी दलों से ऐसी अपेक्षा की। राजेश कुमार ने कियर का नाम तो नहीं लिया, लेकिन माना जा रहा है कि उनका इशारा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की ओर था।
चुनाव में हार के बाद अज्ञातवास पर रहे तेजस्वी-
लोकसभा चुनाव में हार के बाद तेजस्वी यादव बिहार की राजनीति से दूर लंबे अज्ञातवास में रहे। विधानमंडल के जारी मानसून सत्र (Monsoon Session) के दौरान वे आ तो गए हैं, लेकिन अभी तक सत्र में शामिल नहीं हुए हैं। इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेकर इस्तीफ देने से तेजस्वी पर दबाव बढ़ गया है। तेजस्वी ने इस्तीफे की पेशकश भी की, लेकिन उसे पार्टी ने स्वीकर नहीं किया।
कार्यशैली से कई बड़े नेताओं में नाराजगी-
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की अनुपस्थिति में तेजस्वी यादव पार्टी की कमान संभाल रहे हैं। लेकिन उनकी कार्यशैली से कई बड़े नेताओं में नाराजगी है। उनके अचानक लापता हो जाने पर पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह (Raghuvansh Prasad Singh) ने कहा था कि शायद वे वर्ल्ड कप क्रिकेट देख रहे होंगे। लालू प्रसाद यादव के करीबी माने जाने वाले विधायक भाई वीरेंद्र आज तेजस्वी के इस्तीफे की पेशकश को खारिज करते हैं, लेकिन उन्होंने ने पहले यहां तक कहा था कि किसी के रहने या न रहने से पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ता है।
अलग-अलग चल रहे महागठबंधन के घटक दल-
लोकसभा चुनाव में हार के बाद से महागठबंधनके घटक दलों के बीच एकता बनाना कठिन हो गया है। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) सुप्रीमो उपेन्द्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की सरकार के खिलाफ अपनी पदयात्रा अलग कर रहे हैं। जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi) की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) हो या कांग्रेस, एईएस से मौत के मसले पर वे आरजेडी के साथ धरना-प्रदर्शन करते नजर नहीं आ रहे हैं।
मांझी ने तेजस्वी को बता दिया अनुभवहीन-
‘हम’ सुप्रीमो जीतन राम मांझी ने तेजस्वी यादव के अनुभवहीन बताते हुए कहा कि उनमें नेतृत्व करने की क्षमता नहीं हैं, अभी उन्हें बहुत कुछ सीखना है। मांझी ने कहा कि तेजस्वी में लालू वाली बात नहीं है।
आरजेडी ने प्रस्ताव के अस्वीकार कर दी राहत –
स्पष्ट है, पार्टी के अंदर-बाहर के चौतरफा दबाव के बीच तेजस्वी यादव ने इस्तीफा की पेशकश की। आरजेडी ने इस प्रस्ताव के अस्वीकार कर उन्हें राहत दी है।