भारत में निर्मित कोरोना वायरस की वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ (COVAXIN) वैश्विक तौर पर सबका ध्यान आकर्षित कर रही है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (Indian Council of Medical Research, ICMR) ने यह जानकारी दी है। इस सिलसिले में आइसीएमआर की तरफ से एक ट्वीट किया गया है। इसमें उन्होंने लिखा, ‘कोरोना वायरस के खिलाफ आइसीएमआर और भारत बायोटेक के सहयोग से तैयार की गई स्वदेशी कोवैक्सीन को उल्लेखनीय उपलब्धि मिल रही है।’

ICMR ने कहा, ‘पहले चरण और दूसरे चरण में COVAXIN परीक्षण परिणामों ने तीसरे चरण के परीक्षणों के लिए प्रोत्साहित किया है, जो वर्तमान में 22 साइटों पर चल रहा है।’ गुरुवार को नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ने स्वदेशी रूप से विकसित COVID-19 वैक्सीन ‘कोवाक्सिन’ के तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षण के लिए वॉलंटियर्स को आमंत्रित किया। जिन 22 साइटों पर परीक्षण चल रहा है उनमें से एक एम्स भी है।
एम्स ने एक विज्ञापन में कहा, ‘एम्स, नई दिल्ली COVAXIN के तीसरे फेज के क्लिनिकल ट्रायल के लिए एक साइट है। यह इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और भारत बायोटेक द्वारा प्रायोजित वैक्सीन है।’ AIIMS के एक डॉक्टर डॉ. संजय के राय ने विज्ञापन के माध्यम से बताया कि पहले और दूसरे चरण का परीक्षण (सुरक्षा और प्रतिरक्षण) पहले ही पूरा हो चुका है।
26 हजार लोगों को लगाया जाएगा टीका
स्वदेशी टीका 25 अस्पतालों में 26 हजार लोगों को लगाया जाएगा। इसमें एम्स में करीब 1500 लोगों को टीका लगाया जाना है। तीसरे चरण के ट्रायल में हिस्सा लेने के लिए आखिरी तरीख 31 दिसंबर है। इसके बाद ट्रायल के लिए वालंटियर्स का पंजीकरण बंद कर दिया जाएगा। एम्स ने वाट्सएप नंबर (7428847499) जारी किया है और कहा कि जो लोग इस ट्रायल में शामिल होना चाहते हैं वो निर्धारित समय तक इस नंबर पर अपना नाम पता भेजकर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।
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