निर्भया के दोषी पवन गुप्ता की सुधारात्मक याचिका खारिज होने के बाद सोमवार को ही पवन और अक्षय की तीन मार्च सुबह छह बजे होने वाली फांसी पर रोक लगाने की याचिका भी खारिज।

दोषी पवन गुप्ता की सुधारात्मक याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की। वहीं पाटियाला हाउस कोर्ट ने साफ कहा कि फांसी की तारीख पर रोक नहीं लगेगी, यानि फांसी मंगलवार सुबह छह बजे होगी।
क्यों हुआ है?
पवन के पास सुधारात्मक याचिका (क्यूरेटिव पिटीशन) दाखिल करने का विकल्प बचा हुआ था।
आगे क्या?
अब दोषी पवन के पास राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दाखिल करने का विकल्प बचा है और उसने सुधारात्मक याचिका खारिज होने की सूचना मिलने के बाद ये याचिका भी दाखिल कर दी है।
फैसला आने के बाद निर्भया की मां ने कहा कि ये लोग(दोषी और उनके वकील) जानबूझकर कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। मैंने सात साल से ज्यादा समय तक ये लड़ाई लड़ी और आगे भी लड़ूंगी। कल दोषियों को फांसी जरूर होगी।
सरकारी वकील ने दलील दी कि जेल प्रशासन ने सभी दस्तावेजों को जमा किया था और चेक करने के बाद ही तीन फरवरी को याचिका दायर की गई। उन्होंने यह भी दलील दी कि राष्ट्रपति ने सभी पहलुओं पर गौर करने के बाद ही पांच फरवरी को उसकी दया याचिका खारिज की थी।
इसलिए अक्षय की ओर से किया जा रहा दस्तावेज अधूरे होने का दावा गलत है। उसके पास दोबारा दया याचिका दायर करने का अधिकार नहीं है। साथ ही दोबारा दया याचिका दायर करने के संबंध में हमें कोई जानकारी भी नहीं मिली है।
वहीं इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने पवन गुप्ता की क्यूरेटिव पिटीशन को खारिज कर दिया। इसके बाद ही पटियाला हाउस कोर्ट ने डेथ वारंट पर रोक लगाए जाने की मांग करने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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