पाम औयल न सिर्फ कौलेस्ट्रौल फ्री है बल्कि हमारे शरीर को ऊर्जा भी देता है. हम भारतीयों के लिए तो यह और भी बेहतर विकल्प है, क्योंकि हमारे यहां के भोजन में तेल का बहुलता से प्रयोग होता है. आज चूंकि प्रत्येक व्यक्ति अपने खानपान को ले कर अधिक सजग हो गया है, ऐसे में किसी के भी मन को वही वस्तु लुभा सकती है, जो स्वास्थ्य के नजरिए से अधिक से अधिक लाभकारी विकल्प हो और पाम औयल इस कसौटी पर खरा उतरता है. प्रचुर मात्रा में व आसानी से उपलब्ध होने वाला पाम औयल सही माने में किसी भी आहार को संतुलित आहार बनाता है.
यह ऐंटीऔक्सीडैंट्स से भरपूर होता है. इस में मौजूद टोकोट्राइनौल्स विटामिन ई का महत्त्वपूर्ण स्रोत है. यह कैंसर, ब्लड डिसऔर्डर आदि से तो बचाव तो करता ही है,यह ट्रांस फैट से मुक्त होता है. पेस्ट्री, कुकीज, क्रैकर्स और लंबे समय तक स्टोर कर के रखे जाने वाले अन्य खाद्यपदार्थों के लिए आवश्यक ‘हार्ड या सौलिड’ फैट, इस में प्राकृतिक रूप से उपलब्ध होता है. बाकी खाद्य तेलों को इस के लिए विशेष प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. त्वचा व प्रजनन हेतु भी अच्छा है. पाम औयल में मौजूद बीटा केरोटिन के कारण इस का रंग लाल होता है. यह विटामिन ए का महत्त्वपूर्ण स्रोत है, जो अल्जाइमर, हृदय रोग, मोतियाबिंद, आर्थराइटिस और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से हमारी रक्षा करता है. पाम औयल में एचडीएल (हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन) प्रचुर मात्रा में होता है. यह ‘गुड फैट’ की श्रेणी में आता है, जो कौलेस्ट्रौल बढ़ने से रोकता है. स्वाद व सुगंध रहित होने के कारण यह बेकिंग के लिए सर्वथा उपयुक्त है. यह अन्य सैचुरेटेड तेल, जैसे नारियल तेल से ज्यादा स्वास्थ्यप्रद तेल है, जो हृदय रोगों से रक्षा करता है. कई प्रकार के पोषक तत्त्वों से भरपूर पाम औयल में हमारे शरीर के लिए आवश्यक कई प्रकार के फैटी ऐसिड्स का मिश्रण भी होता है.
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