अज्ञानता, अंधविश्वास और सनक की कुछ घटनाएं ऐसी होती हैं, जो हमें सोचने पर विवश कर देती हैं। ऐसी ही एक घटना का राजफाश मंगलवार को इटौंजा में हुआ। यहां पर एक युवक बड़े भाई की मौत के बाद उसका शव चार दिन तक घर में छिपाए रहा। उसका दावा था कि सात दिन में तंत्र क्रिया से वह भाई को जीवित कर लेगा। मकान से दुर्गंध आने पर पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने घर का दरवाजा तोड़कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और छोटे भाई को हिरासत में ले लिया।
डर के मारे परिवार रहा चुप
इंस्पेक्टर इटौंजा नंदकिशोर के मुताबिक घटना उसरना गांव की है। मृतक बृजेश की पत्नी और तीन बच्चों, उसके तीन भाइयों तथा मां से पूछताछ की गई है। परिवार के मुताबिक बृजेश रावत की मौत चार दिन पहले बीमारी से हुई थी। छोटे भाई फूलचंद ने घरवालों से कहा था कि वो बृजेश को सात दिन में जिंदा कर देगा। उसने घर वालों को धमकाया कि अगर किसी ने उसकी तंत्र क्रिया में बाधा डाली तो उसका नाश हो जाएगा। इसके बाद वह शव को लेकर घर के एक कमरे में बंद हो गया था।
पड़ोसियों से भी बोला झूठ
पड़ोसियों ने जब बृजेश और फूलचंद्र बारे में पूछा तो परिवार के लोग हड़बड़ा गए। शक होने और बदबू आने पर लोगों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस के पहुुुंचने पर फूलचंद्र ने दरवाजा खोलने से मना कर दिया। जिसके बाद पुलिस ने कमरे का दरवाजा तोड़ दिया। कमरे के अंदर बृजेश का शव पड़ा था और फूलचंद्र उसी के बगल में तंत्र साधना कर रहा था। सूचना पर सीओ बीकेटी ह्रदेश कठेरिया और एसपी ग्रामीण आदित्य भी मौके पर पहुंचे।
तांत्रिक को मारने दौड़े ग्रामीण
आक्रोशित लोग कथित तांत्रिक फूलचंद को मारने के लिए दौड़े। पुलिस ने भीड़ को समझा बुझाकर फूलचंद को हिरासत में ले लिया। ग्रामीणों के मुताबिक फूलचंद्र काफी समय से तंत्र-मंत्र करता है। फूलचंद से पूछताछ की जा रही है, लेकिन वह बहकी-बहकी बातें कर रहा है। उसका कहना है कि वह सातवें दिन अपनी तांत्रिक साधना से भाई को जीवित देता, इसलिए तंत्र क्रिया कर रहा था।