अमेरिकी सरकार ने कैलिफोर्निया की एक अदातल में मुंबई हमले में भगोड़ा घोषित पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यापारी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण के विरोध में एक प्रस्ताव पारित किया है। इसमें उड़ान जोखिम का हवाला दिया गया है। राणा के प्रत्यर्पण पर अमेरिका की अदालत में 12 फरवरी को सुनवाई होनी है।
डेविड कोलमैन हेडली के बचपन के दोस्त 59 वर्षीय राणा को लॉस एंजिल्स में 10 जून को 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमले में भागीदारी के लिए भारत के अनुरोध पर फिर से गिरफ्तार किया गया था। इस हमले में छह अमेरिकियों सहित 166 लोग मारे गए थे और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। मुंबई हमले में शामिल तहव्वुर राणा मूल रूप से पाकिस्तान का रहने वाला है और वह दस साल सेना की चिकित्सा कोर में काम कर चुका है।
2006 से डली और तहव्वुर राणा ने पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों के साथ मिलकर हमले की साजिश रची थी। 2008 में 26 नवंबर को इस साजिश को अंजाम दिया गया था। पाकिस्तानी-अमेरिकी लश्कर आतंकवादी डेविड हेडली 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले की साजिश रचने में शामिल था। वह सरकारी गवाह बन गया है और हमले में अपनी भूमिका के लिए अमेरिका में 35 साल की जेल की सजा काट रहा है।
पाकिस्तान में सम्मानित होना चाहता है राणा
अमेरिका सरकार ने एक संघीय अदालत को बताया है कि तहव्वुर राणा मुंबई आतंकी हमले में अपनी भूमिका के चलते अपने लिए पाकिस्तान का सर्वोच्च मेडल चाहता है। इतना ही नहीं वह चाहता है कि आतंकी हमले में शामिल लश्कर के नौ आतंकियों को भी पाकिस्तान का सर्वोच्च सैन्य सम्मान दिया जाए।