New Delhi: पृथ्वी, अग्नि, आकाश, आदि मिसाइलों को आप बाखूबी जानते होंगे, लेकिन क्या आपको भारत की अन्य मिसाइलों के बारे में मालूम है, जिनसे पड़ोसी मुल्कों समेत कई दुश्मन डरते हैं। अगर नहीं, तो आज आपको पता चल जायेगा कि मिसाइलों के मामले में भारत कितना आगे है।‘मोदी का पलटा वार’ भ्रष्ट अफसरों पर होगी कड़ी नजर डोजियर तैयार करेगा विजिलेंस डिपार्टमेंट
सबसे पहले हम आपको बताना चाहेंगे कि भारत में डीआरडीओ ही मिसाइलें बनाता है। अब तक तैयार की गईं मिसाइलों में कई ऐसी भी हैं, जिनकी टेक्नोलॉजी एवं उपकरण विदेशों से खरीदे गये हैं।
डीआरडीओ द्वारा निर्मित मिसाइलें भारतीय थल सेना, वायुसेना और नौसेना को समर्पित कर दी गई हैं। चलिये बात करते हैं भारत को शक्तिशाली बनाने वाली कुछ मिसाइलों की। जिन्हें देख बड़े-बड़े देशों के होश उड़ जाते हैं।
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अग्नि-I प्रथम परीक्षण जनवरी 2002: इस मिसाइल का वजन 12 टन है और इसकी लंबाई 15 मीटर है। इसकी मारक क्षमता 700-1200 किलोमीटर है। इस मिसाइल के संचालन अधिकार स्ट्रेटजिक फोर्स कमांड के पास है।
अग्नि-II प्रथम परीक्षण अप्रैल 1999: इस मिसाइल का वजन 18 टन है और इसकी मारक क्षमता 2000-2500 किलोमीटर है। इस मिसाइल के सफल परीक्षण ने चीन और पाकिस्तान की नींदें उड़ा दी थीं। क्योंकि इसकी मारक क्षमता में दोनों देशों के कई बड़े शहर आते हैं।
अग्नि-III प्रथम परीक्षण जुलाई 2006: इस मिसाइल का वजन 48 टन है और इसकी लंबाई 17 मीटर। इस मिसाइल की मारक क्षमता 3500 किलोमीटर है। यह अपने तरह का विश्व के सबसे घातक हथियारों में से एक है। यह मिसाइल न्यूक्लीयर क्षमता से भी संपन्न है।
अग्नि-IV प्रथम परीक्षण नवंबर 2011: इस मिसाइल का वजन 17 टन है और इसकी लंबाई 20 मीटर। इस मिसाइल का निर्माण अग्नि-II और अग्नि-III के बीच की कड़ी को पूरा करने के लिए किया गया था।
अग्नि-V प्रथम परीक्षण अप्रैल 2012: इस मिसाइल का वजन 49 टन है और इसकी लंबाई 17।5 मीटर।5000 किलोमीटर तक मार करने वाली अग्नि-5 भारत की पहली इंटर-कॉन्टिनेन्टल बैलिस्टिक मिसाइल है।
शौर्य मिसाइलप्रथम परीक्षण 2008: शौर्य मिसाइल का वजन 42 किलोग्राम है और इसकी लंबाई 1।90 मीटर। इस मिसाइल की मारक क्षमता है 750 से 1900 किलोमीटर है। यह भारत का पहला हाइपर सुपर सॉनिक मिसाइल है।
पृथ्वी: भारत के मिसाइल प्रोग्राम के अंतर्गत निर्माण किया जाने वाला पहला मिसाइल था पृथ्वी। परमाणु संपन्न तथा 150-350 किमी की रेंज तक सतह से सतह पर मार करने वाला यह मिसाइल सेना के तीनों अंगों का अभिन्न हिस्सा है।
नाग मिसाइल प्रथम परीक्षण 1990: इस मिसाइल का वजन 42 किलोग्राम है और इसकी लंबाई 1।90 मीटर। ‘पृथ्वी ’ एवं ‘अग्नि ’ जैसे स्वदेशी मिसाइलों की श्रृंखला में ‘नाग’ पांचवा प्रक्षेपास्त्र है। इस मिसाइल की विशेषताओं में ‘टॉपअटेक- फायर एण्ड फोरगेट’ तथा सभी मौसम में फायर करने की क्षमता शामिल है।
धनुष मिसाइल: धनुष मिसाइल स्वदेशी तकनीक से निर्मित पृथ्वी प्रक्षेपास्त्र का नौसैनिक संस्करण है। यह प्रक्षेपास्त परमाणु हथियारों को ले जाने की क्षमता रखता है।
ब्रह्मोस मिसाइलप्रथम परीक्षण 2001: ब्रह्मोस मिसाइल का वजन 3000 किलोग्राम है और इसकी लंबाई 8।4 मीटर। ब्रह्मोस की मारक क्षमता 290 किलोमीटर है। इसकी रफ्तार अमेरिका के सबसोनिक तोमाहावक क्रूज मिसाइल से तीन गुनी अधिक है।
आकाश मिसाइलप्रथम परीक्षण 1990: आकाश मिसाइल का वजन 720 किलोग्राम है और इसकी लंबाई 5।78 मीटर। ज़मीन से हवा में मार करनेवाले मिसाइल आकाश की तुलना अमेरिका के पेट्रियोट मिसाइल सिस्टम से की जाती है। एक समय में यह मिसाइल 8 भिन्न लक्ष्य पर निशाना साध सकता है।
एडवांस्ड एयर डिफेंस मिसाइल: दुश्मन की मिसाइल को हवा में बीच रास्ते में ही रोककर नष्ट कर देने की क्षमता रखता है स्वदेशी एएडी इंटरसेप्टर मिसाइल। इसका पहला परीक्षण 2007 में किया गया था। हालांकि इस मिसाइल का आजतक आधिकारिक नामंकरण नहीं किया गया है।