तत्काल तीन तलाक और हलाला के खिलाफ आवाज बुलंद करने वालीं निदा खान के खिलाफ दरगाह आला हजरत से फतवा जारी हुआ है। उन्हें इस्लाम से खारिज कर दिया गया है।
शहर काजी ने सोमवार को यह फतवा शहर इमाम मुफ्ती खुर्शीद आलम के सवाल का जवाब देते हुए जारी किया है। फतवे में कहा है कि हलाला का जिक्र कुरान में है। हदीस से भी यह साबित है। इसके बावजूद अगर कोई यह कहे कि हलाला महिलाओं पर जुल्म है और इसमें बदलाव की मांग करे तो उसके ये शब्द कुफ्र हैैं। यानि उसने अल्लाह और उसके रसूल के फरमान को झुठलाने की कोशिश की है। ऐसे शख्स पर फिर से कलमा पढऩे का हुक्म लागू होगा। उसे इस्लाम में बने रहने के लिए एलानिया (घोषित तौर पर) तौबा करना होगी। अगर निदा ऐसा नहीं करती हैैं तो मुसलमान उनका सामाजिक बायकॉट कर दें। न मिलें और न उसके साथ खाएं-पिएं। बीमारी की हालत में देखने भी नहीं जाएं।