माघ की मौनी अमावस्या पर चित्रकूट में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। मंदाकिनी स्नान और फिर कामदगिरि के दर्शन को तीर्थक्षेत्र में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं। गुरुवार सुबह से शुरू हुए मेले में शुक्रवार तड़के से भीड़ बढ़ गई। अमावस्या पर मंदाकिनी स्नान व कामदगिरि परिक्रमा का विशेष महत्व होने के कारण श्रद्धालु ठंड के बाद भी हर हर गंगे का उद्घोष करते स्नान कर आगे बढ़ रहे हैं। रामघाट पर स्नान, मठ मंदिरों के दर्शन कर कामदगिरि की परिक्रमा लगा रहे हैं। साथ में हनुमानधारा, स्फटिक शिला, सती अनुसुइया आश्रम, गुप्त गोदावरी में भी लगातार पहुंच रहे हैं। कोई साधु संतों से आशीर्वाद ले रहा है तो कोई प्रभु की भक्ति में डूबा हुआ है। यह क्रम अभी शुक्रवार रात और शनिवार दिन भर चलता रहेगा। सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन व पुलिस टीमें मुस्तैदी से डटी हैं।
150 बसें और चार मेला स्पेशल ट्रेनें
मौनी अमावस्या पर यूपी और मप्र के साथ दूसरे प्रांतों से भी श्रद्धालु आ रहे हैं। परिवहन विभाग ने 150 अतिरिक्त बसें लगाई हैं। वहीं चार मेला स्पेशल ट्रेनें भी चलाई गई हैं। कर्वी मुख्यालय बस अड्डा के साथ पुराने बस स्टेशन पर भी भीड़ है। यहां आने वाली ट्रेनों में तो जगह ही नहीं है। श्रद्धालुओं को इंतजार के बाद वाहन मिल रहे हैं। हजारों की संख्या में निजी वाहनों से भी लोग पहुंचे हैं।
मौन व्रत रख मनोकामना पूरी करने की मंशा
सुबह से रामघाट पर श्रद्धालु मंदाकिनी स्नान के साथ मौन व्रत रखकर आगे बढ़ रहे हैं। स्वामी मत्यगजेंद्रनाथ, पर्ण कुटी, तुलसी गुफा के दर्शन कर कामदगिरि की परिक्रमा लगा रहे हैं। श्रद्धालु सूर्य को अघ्र्य देकर मनोकामना पूर्ति की मंशा लिए हुए हैं। तमाम जत्थे पैदल भी पहुंच रहे हैं।
मौनी अमावस्या पर स्नान दान का विशेष महत्व
मौनी अमावस्या पर मंदाकिनी व गंगा स्नान का विशेष महत्व है। चित्रकूट के आचार्य रामकृष्ण तिवारी बताते हैं कि मौनी अमावस्या के दिन गंगा जल में अमृत प्रवाह की मान्यता है। इसलिए स्नान विशेष फलदायी होता है। दान से पुण्य मिलता है।