पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार और सेना के खिलाफ विपक्षी दल एकजुट हो गए हैं. शुक्रवार को हुए राजनीतिक दलों के आह्वान पर इमरान खान की सरकार के खिलाफ हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतरे. इमरान खान के विरोधियों ने इसे ‘इमरान खान के अंत की शुरुआत’ कहा है.
पाकिस्तान की सबसे बड़ी धार्मिक पार्टी और सुन्नी कट्टरपंथी दल जमीअत उलेमा-ए-इस्लाम (जेयूआई-एफ) के चीफ मौलाना फजलुर रहमान ने कहा, “ये अवैध सरकार है. इसे सिस्टम ने हम पर थोपा है. हम इस अवैध शासन को खारिज करते हैं.” मौलाना इससे पहले भी इमरान खान की सरकार के खिलाफ आजादी मार्च निकाल चुके हैं.
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने सेना पर अपनी सरकार गिराने और साल 2018 के चुनाव में इमरान खान को सत्ता में बिठाने का आरोप लगाया. लंदन से नवाज शरीफ ने अपने वर्चुअल संबोधन में कहा, बेरोजगारी, महंगाई और इस संकट के लिए मैं इमरान खान को दोषी ठहराऊं या फिर उन्हें जो उन्हें सत्ता में लाए हैं. आपका वोट किसने चुराया और चुनाव में धांधली किसने की? किसने इस सरकार को चुना है?
नवाज शरीफ ने कहा, उन्होंने मुझे बोलने से रोका ताकि मेरी आवाज दब जाए और आप तक ना पहुंच पाए. आपकी आवाज मुझ तक ना पहुंच सके.. लेकिन वे नाकाम हो गए. नवाज शरीफ ने “वन पाकिस्तान फॉर ऑल” का नारा दिया और सैन्य अधिकारियों के लिए सजा की मांग की. नवाज शरीफ ने कहा कि सेना ने ही इमरान खान को सत्ता में बिठाया और संविधान का उल्लंघन किया. जबकि मैं संविधान और लोकतंत्र की बात कर रहा हूं तो मुझे देशद्रोही करार दिया जा रहा है.
इस रैली से पहले ही बड़ी तादाद में लोगों को गिरफ्तार किया गया. विपक्षी दलों के नेता और ऐक्टिविस्ट्स को भी जेल में डाल दिया गया. इनमें से ज्यादातर पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) पार्टी के ही लोग थे. रैली के बाद भी गिरफ्तारियां जारी हैं. नवाज शरीफ की बेटी मरयम नवाज के पति सफदर अवान को भी गिरफ्तार कर लिया गया है.
पीएमएल-एन के सेक्रटरी जनरल एहसान इकबाल ने बताया कि कैसे विरोध-प्रदर्शन से पहले की रात ही पुलिस कार्यकर्ताओं के घरों में घुस गई और फर्जी मामलों में उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
इकबाल कहते हैं, पिछले तीन दशकों के राजनीतिक अनुभवों के दौरान मैंने मार्शल लॉ लागू होते देखा है लेकिन इस तरह की क्रूरता कभी नहीं देखी. हमारे कार्यकर्ताओं के खिलाफ अभी भी रेड जारी हैं. उन्होंने हमारे रास्ते में कंटेनर रख दिए हैं, हमारे कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया और हमारे बैनर्स फाड़ दिए लेकिन हम रुकने वाले नहीं है. ये इमरान खान के युग के अंत की शुरुआत भर है.
इमरान खान की सरकार के खिलाफ ऐसे वक्त में प्रदर्शन हो रहे हैं जब वो बेरोजगारी, महंगाई दर और कमजोर अर्थव्यवस्था से जूझ रही है. खाने की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से भी लोगों के मन में इमरान सरकार के खिलाफ नाराजगी है. कोरोना महामारी की वजह से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था भी बुरी तरह प्रभावित हुई है. हालांकि, पाकिस्तान में कोरोना वायरस लगभग नियंत्रण में है. यहां अभी तक कोरोना संक्रमण के 3 लाख से ज्यादा केस हैं और 6621 मौतें हुई हैं. पाकिस्तान की कुल आबादी 22 करोड़ है. शुक्रवार को हुई रैली में करीब 50,000 लोग स्टेडियम में इकठ्ठा हुए, यहां ना कोई सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहा था और ना ही किसी नेता ने मास्क लगा रखा था.