कोर्ट ने यह माना है कि सीबीआई द्वारा लगाए गए आरोपों के खिलाफ ठोस सबूत नहीं। कुछ अराजक तत्वों ने इस कार्य को अंजाम दिया था।अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को ढहाए गए विवादित ढांचे के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत फैसला सुनाते हुए आडवाणी, जोशी, उमा भारती सहित सभी आरोपियों को बरी कर दिया है।
बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता मनीष कुमार त्रिपाठी, केके मिश्रा, विमल श्रीवास्तव, अभिषेक रंजन, मृदुल राकेश, आईपी सिंह, अभय प्रताप सिंह, शंकर लाल लोधी, प्रशांत सिंह अटल इत्यादि मौजूद हैं।
दोषमुक्त किए जाने की परिस्थिति में भी धारा 437ए सीआरपीसी के तहत अभियुक्तों को देनी होगी जमानत।
अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को ढहाए गए विवादित ढांचे के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत आज फैसला सुनाया। इस मामले में भाजपा के वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार समेत सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया है।
28 वर्ष तक चली सुनवाई के बाद ढांचा विध्वंस के आपराधिक मामले में फैसला सुनाने के लिए सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसके यादव ने सभी आरोपियों को आज तलब किया था। हालांकि कई आरोपी आज कोर्ट में पेश नहीं हुए। वहींं, फैसले को लेकर रामनगरी की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
ढांचा विध्वंस पर आए फैसले के बाद गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने लाल कृष्ण आडवाणी से बात की है।