हैदराबाद की डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज ने भारत में रूसी कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक-5 (Russian Covid-19 vaccine Sputnik V) के तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के लिए भारतीय दवा महानियंत्रक (Drugs Controller General of India, DCGI) से अनुमति मांगी है। भारतीय दवा कंपनी ने स्पुतनिक-5 के क्लीनिकल ट्रायल के साथ ही इसके वितरण के लिए रूस सरकार की संस्था (आरडीआइएफ) के साथ करार किया है।
डीसीजीआइ से मंजूरी मिलने के बाद रूसी संस्था डॉ. रेड्डीज को वैक्सीन की 10 करोड़ खुराक की आपूर्ति करेगी। सूत्र ने बताया कि डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज ने स्पुतनिक-5 के तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति के लिए डीसीजीआइ के यहां आवेदन किया है। अब डीसीजीआइ अपनी मंजूरी देने से पहले आवेदन का तकनीकी मूल्यांकन करेगा। बता दें कि रूस में स्पुतनिक-5 के तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल एक सितंबर से करीब 40 हजार लोगों पर चल रहा है।
गैमलेया नेशनल रिसर्च सेंटर ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी और आरडीआइएफ ने संयुक्त रूप से स्पुतनिक-5 वैक्सीन विकसित की है। पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया भी ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित कोरोना वैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल कर रही है। कंपनी ने इसके उत्पादन और वितरण के लिए करार किया है।
इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने शुक्रवार को कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआइआइ) द्वारा तैयार की जा रही कोरोना वैक्सीन अगले साल जनवरी के आखिर तक मिलने लगेगी। पवार प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिए बीसीजी का टीका लगवाने पुणे स्थित एसआइआइ आए थे और वहीं पर उन्होंने पत्रकारों से यह बात कही। एसआइआइ ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित वैक्सीन तैयार कर रही है।
बता दें कि भारतीय चिकित्सा संघ (आइएमए) ने शुक्रवार को गांधी जयंती के मौके पर कोरोना महामारी से लड़ते हुए जान गंवाने वाले 515 डॉक्टरों के फोटो और नाम के साथ एक पोस्टर जारी किया। इसमें 492 और 23 महिला डॉक्टर शामिल हैं। संघ ने कहा कि महात्मा गांधी की 151 वीं जयंती के मौके पर शहीद डॉक्टरों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए यह पोस्टर जारी किया गया है।