New Delhi : डेरा विवाद के बाद से डेरा सच्चा सौदा सिरसा में फंसे डेरा समर्थक अपने-अपने घरों को लौट आए हैं। कुछेक अभी वहीं हैं। जो समर्थक लौटे हैं, उनमें से ज्यादातर महिलाएं हैं। वापस लौटने के बाद इन महिलाओं ने बताया कि फैसला आने से पहले जब उन्हें सिरसा डेरा में बुलाया गया था तो डेरे के कुछ लोगों ने यह था कि वह अपने साथ लाल रंग की चुन्नी या दुपट्टा लेकर आएं।
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इतना ही नहीं यह भी कहा गया कि यदि रास्ते में कोई पूछ भी ले तो सिरसा डेरा का नाम नहीं कहना बल्कि यह कहना है कि गूगामेड़ी जा रहे हैं। बता दें कि गूगामेड़ी जाने वाले ज्यादातर लोग लाल रंग के कपड़े पहनकर जाते हैं। डेरे के लॉकेट भी डालकर आने से मना किया गया था।
महिलाओं ने बताया कि बाबा ने दो ही नहीं दो सौ से ज्यादा लड़कियों को अपनी हवस का शिकार बनाया है। एक महिला ने बताया कि वह डेरे से छुपकर आए हैं। आने लगे तो डेरे पर सेवा कर रही एक-दो महिला ने उन्हें आने से रोका भी। उस महिला ने कहा कि अभी तुम यहां से मत जाओ, हम सबने मिलकर पिता जी की जमानत करानी है। यदि एक बार तुम डेरे से बाहर निकल गए तो दोबारा यहां पैर नहीं रख पाएंगे।
डीएसपी रोड पर रहने वाली महिलाओं ने बताया कि उन्हें फतेहाबाद डेरे से गई दो गाड़ियों के जरिए फतेहाबाद लाया गया। बड़ी मुश्किल से फतेहाबाद पहुंचे। पहले तो डेरे से निकल कर तीन-चार किलोमीटर तक पैदल गए। इसके बाद वह फतेहाबाद से आई गाड़ियों में बैठे। गांवों के रास्ते से होते हुए फतेहाबाद में सिरसा रोड पर डेरा कैंटीन के सामने अनाजमंडी में पहुंचे। वहां से अपने परिजनों को फोन किया, जिसके बाद वह घर पहुंचे। गाड़ियों को शहर में आने ही नहीं दिया जा रहा था। घर पहुंचकर सां राहत स ली।
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