दिवालिया कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स को खरीदने वाली कंपनी वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड ने अक्टूबर में बॉन्ड जारी करके 50 करोड़ डॉलर (4400 करोड़ रुपये) सफलतापूर्वक जुटाए हैं, जो कंपनी की डेट मैनेजमेंट स्ट्रैटेजी के लिहाज से एक महत्वपूर्ण कदम है। वहीं, यह कदम कंपनी द्वारा अपने डेट पोर्टफोलियो के पुनर्गठन और वित्तीय स्थिरता में सुधार के लिए किए जा रहे प्रयासों का हिस्सा भी माना जा रहा है। इस बॉन्ड जारी कर जुटाई इस रकम से कंपनी के डीमर्जर प्लान को भी बड़ा बूस्ट मिल सकता है।
माइनिंग कारोबारी अनिल अग्रवाल के नेतृत्व वाली वेदांता लिमिटेड, बॉन्ड के द्वारा जुटाए इस फंड का इस्तेमाल अपनी निकट भविष्य की देनदारियों को चुकाने में इस्तेमाल करेगी। कंपनी ने बॉन्डहोल्डर्स को लेटर में बताया कि इसके डेट पोर्टफोलियो की एवरेज मैच्योरिटी अब 4 साल से ज्यादा है।
खबर से शेयरों में उछाल
इस खबर के बाद वेदांता लिमिटेड के शेयरों में 27 अक्तूबर को उछाल देखने को मिला और यह एक फीसदी से ज्यादा की तेजी के साथ 501.25 रुपये पर कारोबार कर रहे है। इस तेजी के साथ ही वेदांता लिमिटेड के शेयर अपने ऑल टाइम बाई 526.95 रुपये के पास पहुंच गए हैं।
बॉन्ड जारी करने से कंपनी को क्या फायदा
वेदांता लिमिटेड द्वारा बॉन्ड जारी कर जुटाई इस रकम से वेदांता के वित्तीय प्रबंधन और भविष्य की संभावनाओं के चलते निवेशकों में विश्वास और बढ़ेगा। जैसे-जैसे वेदांता लिमिटेड का डीमर्जर प्लान आगे बढ़ेगा, उद्योग जगत के जानकार इस बात पर कड़ी नज़र रखेंगे कि यह पुनर्गठन कंपनी की परिचालन दक्षता और बाज़ार मूल्यांकन पर कैसा प्रभाव डालता है।
50 करोड़ डॉलर की इस रकम से कंपनी का डीमर्जर प्लान तेजी से आगे बढ़ सकता है, साथ ही जेपी एसोसिएट्स के अधिग्रहण से जुड़ी रकम के भुगतान में भी मदद मिलेगी। हाल ही में ऐसे खबरें आई थी कि वेदांता समूह जेपी एसोसिएट्स के अधिग्रहण के बाद 17,000 करोड़ रुपये की रकम जुटाने के लिए ग्लोबल इन्वेस्टर्स और हेज फंडों से संपर्क कर रहा था।
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