अनलॉक-3 शुरू होने के बाद से दिल्ली की सड़कों पर अब डीटीसी व क्लस्टर की ज्यादातर बसें सरकार उतार रही है, मगर बसों में 20 सवारियों की सीमा निर्धारित होने से लोगों को परेशानी हो रही है। उधर, बसों में राइडरशिप (सवारियों की संख्या) भी कम हो गई है। लॉकडाउन लागू होने से पहले के आंकड़ें देखें तो इससे डीटीसी व क्लस्टर दोनों बसों की राइडरशिप कम हुई है। कोरोना काल से पहले मार्च और अब अगस्त के आंकड़े देखें तो डीटीसी की राइडरशिप में 60 फीसद और क्लस्टर बसों में सफर करने वालों की संख्या में 56 फीसद तक की गिरावट आई है।
दिल्ली सरकार का कहना है कि डीटीसी और क्लस्टर की अधिकतम बसें सड़कों पर उतारने के निर्देश दिए गए हैं, मगर कोरोना के खतरे को देखते हुए अभी बस में 20 यात्री ही सफर कर पा रहे हैं। सरकार ने बस में यात्रियों की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव डीडीएमए को भेजा था, लेकिन अभी इसकी मंजूरी नहीं दी गई है। डीटीसी के राजस्व में काफी कमी आई है।
मई में प्रवासी श्रमिकों को रेलवे स्टेशन छोड़ने के लिए डीटीसी की काफी बसें स्पेशल हायर के तौर पर चलाई जा रही थीं, जिसके चलते डीटीसी की कम बसें आम लोगों के लिए चलाई जा सकीं। लेकिन अब स्थिति में बदलाव आया है। मार्च के आंकड़ों पर नजर डालें तरे 17 मार्च को डीटीसी की 3428 बसें सड़कों पर थीं और राइडरशिप 17.34 लाख थी। उस दिन क्लस्टर की 2639 बसों में 14.91 लाख राइडरशिप थी। अब 17 अगस्त को डीटीसी की 3000 बसें सड़कों पर उतारी गईं और राइडरशिप 6.81 लाख रही, यानी इसमें 60.67 फीसद तक की गिरावट आई। इस दिन 2818 क्लस्टर बसें सड़कों पर चलीं और राइडरशिप 6.54 लाख रही, यानी इसमें 56.12 फीसद की गिरावट आई।
इसी तरह के आंकड़े बाकी दिन भी देखने को मिल रहे हैं। जून में डीटीसी व क्लस्टर की 5500 बसें चल रही थीं और राइडरशिप 8 से 9 लाख के बीच रही। अगस्त में डीटीसी व क्लस्टर की करीब 6 हजार बसें चल रही हैं और राइडरशिप 13 लाख के करीब है।