सुरक्षा एजेंसियां हिजबुल कमांडर नवीद बाबू के साथ गिरफ्तार निलंबित डीएसपी दविंदर सिंह के पाकिस्तानी कनेक्शन खंगालने में जुट गई हैं। उसके तथा उसके रिश्तेदारों के घर को खंगाला गया है। खुद डीजीपी दिलबाग सिंह का भी कहना है कि मामले में बड़ा कनेक्शन सामने आ सकता है। इसके तार कहीं भी, किसी से भी जुड़े हो सकते हैं। यह बड़ा मामला है। इसलिए मामले की जांच नेशनल इनवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) को देने की सिफारिश की गई है। डीएसपी को बर्खास्त करने की सिफारिश के साथ उसे मिला स्टेट अवार्ड को वापस ले लिया गया है। मामले में एनआईए जल्द प्राथमिकी दर्ज करेगी।
सूत्रों का कहना है कि बुधवार को दिल्ली में एनआईए के अधिकारियों ने गृह सचिव से मुलाकात की। इस मामले की जांच आईजी स्तर के अधिकारी करेंगे। एनआईए से जुड़े सूत्रों ने बताया कि मामला हाथ में लेने के बाद जांच एजेंसी जम्मू में आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करेगी। जिस दिन डीएसपी की गिरफ्तारी हुई थीए उस दिन वकील इरफान अहमद मीर (आतंकी संगठनों का ओवरग्राउंड वर्कर) भी पकड़ा गया था। यह एनआईए के लिए पाकिस्तान के खिलाफ बड़ा सबूत बन सकता है, क्योंकि वह पांच बार भारतीय पासपोर्ट पर पाकिस्तान गया था। आरोप है कि वह पाकिस्तान से आदेश हासिल करता रहा है।
दूसरी ओर दविंदर सिंह के रिश्तेदारों के घर भी तलाशी अभियान चलाया गया। पता लगाने की कोशिश की गई कि कहीं उसने हथियार और पैसे बगैरह तो नहीं छिपाए थे। जांच में जुटीं एजेंसियां आईबी व रॉ भी डीएसपी और हिजबुल कमांडर से पूछताछ कर आतंकियों से कनेक्शन खंगालते रहे। दक्षिणी कश्मीर में कई स्थानों पर छापा मारा गया। दविंदर सिंह से पूछताछ और उसके ठिकानों पर छापेमारी में कई चौंका देने वाले तथ्य सामने आए हैं।
डीएसपी के घर तलाशी में सेना की 15 कोर का फुल लोकेशन मैप मिला है। सेना का मैप मिलने से आशंका जताई जा रही है कि सेना की कई जानकारियां आतंकियों और पाकिस्तान तक पहुंच सकती है। साथ ही साढ़े सात लाख रुपये कैश बरामद किया है। संभव है कि यह पैसा हवाला का हो। दरअसल, डीएसपी की दो बेटियां बांग्लादेश में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही हैं। ऐसे में जांच एजेंसी को शक है कि बेटियों की पढ़ाई का खर्च हवाला के पैसे से हो रहा है। डीएसपी को दविंदर सिंह को 2018 में जम्मू और कश्मीर के सर्वोच्च पुलिस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि इस मामले की तमाम एजेंसियां जांच कर रही हैं। सही समय पर इस मामले की जांच की जानकारियां साझा की जाएंगी। अब तक की जांच यही है कि वह आतंकियों के लिए काम कर रहा था। पाकिस्तान से कनेक्शन की बात अभी सामने नहीं आई है। लेकिन सभी पहलुओं पर जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि इस मामले में कोई रियायत नहीं होगी। आतंकी की मदद करने वाले को आतंकी समझ कर उसके खिलाफ तय कानून के तहत कार्रवाई होगी।
डीजीपी ने कहा कि इस मामले में जो भी शामिल होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। दविंदर सिंह को दविंदर खान जैसे नाम देने पर सांप्रदायिक माहौल खराब करने,कांग्रेस समेत अन्य राजनीतिक दलों द्वारा इस मामले को लेकर दिए गए बयानों पर डीजीपी ने कहा कि वह इन पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं।
बुधवार को जांच टीम बादामी बाग के इंदिरा नगर स्थित डीएसपी के घर पर पहुंची। डीएसपी के घर के पास एक महिला बैंक अफसर का घर है, जिसका एक भाई डॉक्टर बताया जा रहा है। जांच एजेंसी ने बैंक अफसर के खातों की भी जानकारी जुटाई है। जांच टीम ने इसी मामले में इंदिरा नगर के रहने वाले दो कश्मीरी रोटी बनाने वालों को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। इनके भी डीएसपी का साथ देने का शक है।
दविंदर सिंह के नेटवर्क का पता लगाने के लिए सुरक्षाबलों की एक दर्जन जिप्सी तैनात की गई हैं। इनसे हर रोज पुलिस और अन्य जांच एजेंसियों के अफसर एक से दूसरी जगह आवाजाही कर रहे हैं। ड्रोन कैमरों की मदद से इंदिरा नगर स्थित डीएसपी की फुटेज लेकर जांच की जा रही है।