औद्योगिक कॉरिडोर के साथ ही डिफेंस कॉरिडोर भी आकार ले रहा है। डिफेंस कॉरिडोर में लगभग 25 हजार करोड़ रुपये के प्रस्ताव फाइनल हुए हैं। बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने झांसी, लखनऊ और अलीगढ़ में निवेश की रुचि दिखाई है। प्रदेश के छह नोड में अभी तक 138 एमओयू हो चुके हैं।
छह जिलों अलीगढ़, झांसी, कानपुर, आगरा, चित्रकूट और लखनऊ में डिफेंस कॉरिडोर विकसित किया जा रहा है। इसके लिए 5000 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहीत की जानी है। इनमें से करीब 1700 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण करके निवेशकों को दिया जा चुका है।
यूपीडा के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अलीगढ़ में अधिग्रहीत जमीन निवेशकों को दी जा चुकी है। यही स्थिति कानपुर और लखनऊ नोड की है। इन तीन जिलों में दूसरे चरण का अधिग्रहण किया जा रहा है। झांसी में भारत डायनामिक्स लि. के आने के बाद कई बड़ी कंपनियों ने भी निवेश करना चाहती है। चार बहुराष्ट्रीय कंपनियां एमओयू के लिए इच्छुक हैं।
यहां दी जा चुकी है इतनी जमीन
लखनऊ : 150 हेक्टेयर, झांसी : 1,034 हेक्टेयर, अलीगढ़ : 84 हेक्टेयर, चित्रकूट : 101 हेक्टेयर व कानपुर : 200 हेक्टेयर
हर नोड में अलग-अलग डिफेंस उत्पादों का निर्माण
अलीगढ़ : मानवरहित ड्रोन, कलपुर्जों का निर्माण और छोटे हथियारों की इकाइयां मुख्य रूप से स्थापित होंगी
कानपुर : सेना के लिए विशेष कपड़े और टेक्सटाइल, हथियार, पैराशूट, बुलेटप्रूफ जैकेट व कलपुर्जों की इकाइयां
झांसी : हथियार, गोला बारूद और परीक्षण केंद्र
लखनऊ : ब्रह्मोस मिसाइल, एरोस्पेस क्लस्टर और एरो इंजन क्लस्टर
चित्रकूट : हथियारों का टेस्टिंग सेंटर
आगरा : गैर प्रदूषणकारी इकाइयां और इलेक्ट्रॉनिक्स
इन बड़ी कंपनियों के साथ हुआ करार
अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस, एंकर रिसर्च लैब, जेनसेर, सेल, एमिटेक, ब्रह्मोस एरोस्पेस, टाटा टेक्नोलाजीज, आप्टिक इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया, भारत डायनामिक्स लि., एलन एंड एल्वन, डेल्टा कॉम्बेट, हंस एनर्जी, स्पाइसजेट टेक्नीक्स, वैरीविन डिफेंस, बीईएमएल, एचएएल, ग्लाइडर्स इंडिया, आईआईटी कानपुर, आईआईटी बीएचयू और डीआरडीओ।
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