फर्जी खबरें, पेड न्यूज से ज्यादा खतरनाक है। इसके लिए जरूरी है कि डिजिटली खबरों के प्रकाशन से पूर्व उनकी सत्यता को स्वयं परखने की जरुरत है। इन फर्जी खबरों से निपटने के लिए ही पीआईबी ने पूरे देश में फैक्ट चेक यूनिटों का गठन किया है, ताकि जनता को हकीकत से अवगत कराया जा सके।
वरना बिजली की गति से फैलने वाले फेक न्यूज खासा नुकसान कर सकती है। बृहस्पतिवार को केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने उक्ट टिप्पणी की। जावड़ेकर वर्चुअली उद्योग निकाय आईएएमएआई के कार्यक्त्रस्म को संबोधित कर रहे थे।
केंद्रीय मंत्री ने फर्जी खबर पेड न्यूज से ज्यादा माइलेज देती है। इसमें शांति भंग की प्रबल संभावनाएं होती है। सामाजिक मीडिया प्लेटफार्म पर जनता की राय में बदलाव के साथ सार्वजनिक जीवन के लिए एक लिए भी खतरा बना गया है।
उन्होंने कहा कि दुनिया के कई देशों फर्जी खबर के खतरे से प्रभावित हैं। कई लोग इस पर अंकुश लगाने के लिए अनेक कदम उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस खतरे को रोकने के लिए ही डिजीटल कंटेट प्रकाशित करते हुए सेल्फ रेगुलेश के लिए कहा जाता है।
उन्होंने कहा कि आत्म नियमन के लिए एक तंत्र होना चाहिए, अन्यथा सभी को इस खतरे का खामियाजा भुगतना पड़ेगा। यह राजनीतिक क्षेत्र तक सीमित नहीं है। इन फर्जी खबरों का असर हर क्षेत्र पर पड़ रहा है। इसलिए सभी को इसका सामना करने के लिए तैयार रहना होगा।
उन्होंने कहा कि डिजिटल सामग्री अखबारों के प्रिंट संस्करणों की तुलना में अधिक शक्तिशाली हो गई है और लोग व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर सांझा की गई सामग्री पर विश्वास करते हैं। इसका उदाहरण ऐसे समझा जा सकता है इधर एक व्हाट्सएप संदेश गया और नुकसान हुआ है।
जावड़ेकर ने कहा पहले प्रेस सूचना ब्यूरो में, हम समाचार पत्रों को पढ़ते थे, चैनलों का अनुसरण करते थे। हर शाम को ऐसी खबरों के लिए स्पष्टीकरण देने के लिए विज्ञप्ति जारी की जाती थी।
लेकिन अब हालात यह है कि अगर सुबह कोई ट्वीट होता है और आप उस पर प्रतिक्त्रिस्या नहीं देते हैं, तो नुकसान होना तय है। क्योंकि फर्जी खबर प्रकाश की गति से फैलती है। इसलिए उसका तुरंत काउंटर करना पड़ता है।
इसके लिए केंद्र सरकार ने एक फैक्ट चेक टीम की स्थापना करके फर्जी खबरों पर अंकुश लगाने की पहल की है, जो डिजिटल माध्यम से मंगाई जा रही सूचनाओं की जांच और सत्यापन करती है।
उन्होंने कहा मंत्रालय बहुत बारीकी के साथ नकली समाचारों पर ध्यान दे रहा है, और इसके लिए मंत्रालय की पीआईबी यूनिट ने 2019 अक्टूबर में एक प्रयास शुरू किया, इसमें पीआईबी फैक्ट चेक यूनिट तत्परता से इसके लिए काम कर रही है, इन्हें प्रभावी ढंग से काम करने के लिए ही सभी राज्यों में पीआईबी फैक्ट चेक यूनिट स्थापित किए हैं।