न्यूयॉर्क। टाइप2 मधुमेह से पीड़ित और कॉन्जेस्टिव हर्ट फेल्योर (हृदय गति रुकने) के कारण अस्पताल में भर्ती होने वाला चा

- र में से एक रोगी ही अगले 18 महीने तक जीवित रह पाता है। एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है। यह निष्कर्ष मधुमेह और दिल के गंभीर रोग से पीड़ित मरीजों की दशा की भयावहता को बताता है।
युनिवर्सिटी ऑफ कनेक्टिकट हेल्थ सेंटर (यूकॉन हेल्थ) के मुख्य शोधकर्ता विलियम बी.व्हाइट ने कहा कि हृदय के गंभीर रोग के साथ टाइप 2 मधुमेह के मरीजों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है, ताकि अगले अटैक को रोका जा सके।