ठंड का सितम और शीतलहर-कोहरे की जुगलबंदी से बुजुर्गों का दम निकाल रहा है। साल का आखिरी 24 घंटा बेहद कष्टप्रद गुजर रहा है। हाड़ कंपा देने वाली ठंड में गरम कपड़ा भी कम पड़ रहा है। 10 साल बाद 29 दिसंबर को न्यूनतम तापमान 6.5 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था। मौसम विभाग ने आज भी बिलासपुर जिले को कोल्ड डे घोषित कर दिया है। समूचा जिला शीतलहर की चपेट में है। सुबह से ही बदली छायी हुई है।
उत्तर भारत से आ रही सर्द हवाओं और पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव ने शहर को जकड़ रखा है। बादलों के कारण न्यूनतम तापमान जहां 10 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है वहीं अधिकतम तापमान लगातार नीचे गिर रहा है। 20 से 22 डिग्री के पास शहर का अधिकतम तापमान है। मौसम विभाग की मानें तो संभाग में अभी बादल छाए हुए हैं, उनके छंटते ही न्यूनतम तापमान में और गिरावट आएगी। आलम यह है कि गरम कपड़ा से भी राहत नहीं मिल रहा।
सुबह 10 बजे से पहले पानी में मुंह धोना भी मुश्किल हो गया है। घने कोहरे और शीतलहर के बीच बच्चों व बुजर्गों की समस्या बढ़ने लगी है। दम फूलने की शिकायत को लेकर रविवार को बड़ी संख्या में मरीज अस्पताल पहुंचे थे। शासन ने पहले ही एडवाइजरी जारी कर विशेष ख्याल रखने हिदायत दिया है।
सुबह 8.30 बजे से स्कूल खोलने पर भी रोक लगा दिया है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार बिलासपुर, पेंड्रारोड, अंबिकापुर, कोरिया, बलरामपुर, सूरजपुर, सरगुजा, जशपुर, मुंगेली, कोरबा, रायगढ़, बेमेतरा, जांजगीर में दो दिन शीतलहर चल सकती है। जिला प्रशासन को इससे निपटने जरूरी इंतजाम करने कहा है।