ट्रेन की चपेट में आने से तीनों की मौत हो गई। यह हादसा आज सुबह करीब 7:30 बजे का है। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस वहां मौके पर पहुंच गई और मामले की जांच कर रही है। मृतकों की अब तक पहचान नहीं हो सकी है।
उत्तरी रेलवे के सीपीआरओ के अनुसार जिस ट्रेन से हादसा हुआ है वह बिकानेर-दिल्ली एक्सप्रेस(12446) थी। इस मौके पर आरपीएफ स्टाफ के साथ ही जीआरपी और दिल्ली पुलिस मौजूद हैं।
कुछ दिनों पहले हुआ था अमृतसर ट्रेन हादसा
19 अक्तूबर 2018 का दिन, दशहरे का त्योहार और जश्न का माहौल, पर उस समय मातम छा गया, जब पंजाब के अमृतसर में ट्रैक पर खड़े होकर जलते रावण को देख रहे लोगों को ट्रेन रौंदकर गुजर गई। पल भर में 59 लोगों की मौत हो गई, 70 से ज्यादा घायल हो गए। भयावह मंजर पसर गया और देखते ही देखते चीख-पुकार मच गई।
जौड़ा बाजार फाटक के पास दशहरा पर्व के दौरान रावण दहन के वक्त शुक्रवार शाम 6.45 बजे मैदान में भारी भीड़ के कारण लोग पास ही रेलवे ट्रैक पर खड़े होकर कार्यक्रम देख रहे थे। इसी दौरान जालंधर-अमृतसर डेमू ट्रेन आ गई। पटाखों के शोर से लोग हॉर्न नहीं सुन पाए और ट्रेन उन्हें रौंदती हुई गुजर गई। मृतकों में बच्चे, महिलाएं व 16 से 19 साल के युवा भी हैं।
चश्मदीद सन्नी ने बताया, हादसे के पहले जौड़ा फाटक से अन्य दो ट्रेनें भी गुजरीं, तब लोग ट्रैक से हट गए। इसके बाद जब रावण जल रहा था, तब डेमू ट्रेन 74943 गुजरी। लोग पटाखों की आवाज के कारण हॉर्न नहीं सुन पाए और बचने का मौका भी नहीं मिला। रेलवे इतिहास में ऐसा भीषण हादसा कभी नहीं हुआ। घटनास्थल पर 150 मीटर तक शव बिखर गए।