एक ट्रांसजेंडर ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की इजाजत मांगी है क्योंकि एयर इंडिया ने उसे केबिन क्रू मेंबर की नौकरी देने से इनकार कर दिया।
एयर इंडिया के नौकरी न देने के फैसले के खिलाफ पिछले साल नवंबर में शान्वी पोन्नूस्वामी ने सुप्रीम कोर्ट याचिका दायर की थी। इस पर अदालत ने एयर इंडिया और विमानन मंत्रालय को नोटिस भेजकर चार हफ्ते में जवाब मांगा। राष्ट्रपति को लिखे पत्र में शान्वी ने दावा किया कि न तो एयर इंडिया और न ही मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट को अब तक कोई जवाब दिया है।
शान्वी के मुताबिक नौकरी के बिना वह अपनी आर्थिक जरूरतें पूरी करने में नाकाम है, इसलिए उसे इच्छा मृत्यु की इजाजत दी जाए। उसने कहा, भारत सरकार ने उसके रोजगार के सवाल पर जवाब नहीं दिया है। मैं अपने रोजमर्रा के खाने का भी खर्च नहीं उठा पा रही हूं। शान्वी ने ट्रांस राइट नाऊ कलेक्टिव नाम के फेसबुक पेज पर भी यह पत्र अपलोड किया है।
उनका आरोप है कि सिर्फ जेंडर के चलते उन्हें नौकरी नहीं दी जा रही है। वह एक साल तक एयर इंडिया की कस्टमर सपोर्ट एग्जीक्यूटिव रह चुकी हैं। उसे कॉल लेटर मिला लेकिन नौकरी नहीं। सवाल पूछने पर हर बार जवाब मिला कि एयर इंडिया में ट्रांसवुमेन का कोई वर्ग नहीं है।
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