दुनिया की दो बड़ी आर्थिक शक्तियों के बीच ट्रेड वॉर गहराता जा रहा है। अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते आर्थिक टकाराव का सीधा असर वैश्विक आर्थिक सुधार पर पड़ सकता है। इसी बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को ट्वीट कर अपने देश के पूर्व नेताओं पर तीखा हमला किया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने ट्वीट कर कहा, हम चीन के साथ व्यापार युद्ध नहीं लड़ रहे हैं, उस युद्ध को तो कई साल पहले अमेरिका अपने बेवकूफ और बेकार लोगों की वजह से हार चुका है, जो अमेरिका का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। अब हमारा व्यापार घाटा 500 अरब डॉलर का है। हम इसे जारी नहीं रख सकते!’
वहीं इसके बाद चीन ने बुधवार को जवाबी कार्रवाई करते हुए 50 अरब डॉलर मूल्य के 106 आयातित जिंसों पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने का फैसला किया है। इसके क्रियान्वयन की तारीख इस बात पर निर्भर करेगा कि अमेरिकी सरकार चीनी उत्पादों पर कब शुल्क लगाती है।
चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने कहा था कि अमेरिका का यह कदम विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है। यह चीन के उन अधिकारों और हितों को साफ तौर पर नुकसान पहुंचाता है जो उसे डब्ल्यूटीओ के नियमों के तहत मिले हुए हैं। यह चीन के आर्थिक हितों और सुरक्षा के लिए भी खतरा है।
इससे प्रभावित उत्पादों में ज्यादातर सोयाबीन, मक्का, बीफ, संतरे का जूस और तंबाकू जैसे कृषि उत्पाद हैं। कई केमिकल और ऑटोमोबाइल उत्पाद भी इसके दायरे में आते हैं। इसके साथ ही 15 टन और 45 टन वजन के छोटे विमानों पर भी 25 फीसदी आयात शुल्क लगाया गया है। दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन से 375 अरब डॉलर के व्यापार घाटे में करीब एक महीने में 100 अरब डॉलर की कमी लाने की मांग कर रहे हैं।
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