पाकिस्तानी अधिकारियों ने बताया कि इमरान को इसलिए भी ज्यादा चिंता हैं, क्योंकि जबसे वह देश के प्रधानमंत्री बने हैं, उनकी कोशिश रही है कि ट्रंप एक बार पाकिस्तान का दौरा भी कर लें। इमरान के एक करीबी ने बताया कि ट्रंप के पाकिस्तान में रुकने की कोई बड़ी वजह नहीं हैं, इसके अलावा सुरक्षा के कारण भी ट्रंप रुकने से बच रहे हैं। इस बात की जानकारी इमरान को भी दे दी गई है।
जानकारों ने बताया कि पाकिस्तान की इमरान सरकार महंगाई, अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर पूरी तरह विफल रही हैं। वहीं, अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर भी उसका यहीं हाल है। कश्मीर समेत अन्य मुद्दों पर मुस्लिम देशों और विश्व बिरादरी को अपने पक्ष में करने में भी इमरान सरकार नाकाम रही है।
इस हाल में ट्रंप का भारत दौरा और पाकिस्तान ना आना इस्लामाबाद के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है। इमरान ने भरोसा दिला रखा है कि ट्रंप जरूर आएंगे और उनके आने से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने में मदद मिलेगी।
पिछले गुरुवार को इमरान ने संसद में भी इस बात को दोहराया था। अमेरिका तक पहुंच मजबूत करने के लिए पाक सरकार ने पिछले साल जुलाई में ‘हॉलैंड एंड नाइट’ के साथ करार किया था। लेकिन इसका फायदा नहीं मिला।
जानकार सूत्रों का मानना है कि यदि ट्रंप पाकिस्तान आते हैं तो ऐसा 14 साल बाद होगा कि पाकिस्तान की धरती पर कोई अमेरिकी राष्ट्रपति पहुंचेगा। साथ ही लोकतांत्रिक शासन में किसी भी अमेरिकी प्रमुख आना पहली बार होगा। इससे पहले पाकिस्तान आए पांचों अमेरिकी राष्ट्रपति सैन्य शासन के दौरान ही आए हैं।
अब सभी की निगाहें इस बात कर टिकी हुई है कि क्या ट्रंप अपने दोस्त इमरान को निराश करेंगे या उनकी बात को रखते हुए पाकिस्तान आएंगे।