एक महीने पहले जब जगजीत सिंह (40) ने पंजाब के बठिंडा से दिल्ली की ओर रुख किया था. तब उन्होंने केवल एक जोड़ी मोजे ही पैक किए थे, जो अब गंदे होने के साथ साथ फट भी गए हैं. जगजीत कहते हैं, ‘मोजे को सूखने में बहुत समय लगता है क्योंकि कुछ दिनों से धूप ही नहीं निकल रही और रात को बहुत ठंड भी होती है.
बुधवार सुबह जब जगजीत सिंह ने टिकरी बॉर्डर पर एक गैर-सरकारी संगठन खालसा एड इंडिया (Khalsa Aid India NGO) द्वारा ‘किसान मॉल’ (Kisan Mall) खोले जाने के बारे में सुना तो उन्होंने तुरंत पूछा कि क्या वहां मोजे मिल जाएंगे. उन्होंने कहा, ‘मुझे तब बहुत राहत मिली जब उन्होंने मुझे एक जोड़ी मोजे दिए. इसके अलावा, मैंने वहां से वैसलीन, बनियान, जंघिया और एक मफलर भी लिया’.
टिकरी बॉर्डर (Tikri Border) पर किसान मॉल का ये पहला दिन था और कम से कम 350 लोगों ने दैनिक उपयोग की वस्तुओं को वहां से लिया. मालूम हो कि ‘मॉल’ सुबह 9 से शाम 5 बजे तक खुला रहता है और इसमें टूथब्रश, टूथपेस्ट, साबुन, तेल, शैम्पू, वैसलीन, कंघी, मफलर, हीटिंग पैड, घुटने के कैप, थर्मल सूट, शॉल और कंबल आदि उपलब्ध हैं, इस ‘किसान मॉल’ की खास बात ये है कि यहां मौजूद हर चीज किसानों को मुफ्त मे दी जा रही है. यहां किसी भी वस्तु का कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा है.
खालसा एड इंडिया की डायरेक्टर अमरप्रीत सिंह ने बताया, ‘हम सिंघू और टिकरी सीमाओं पर पिछले एक महीने से मौजूद हैं और समझते हैं कि लोगों को फिलहाल किन चिजों की जरूरत है. हमारे पास दोनों सीमाओं पर एक-एक गोदाम है, जहां हम इन सभी वस्तुओं को स्टोर कर रहे हैं, जो हमे दान की गई हैं’.
अमरप्रीत ने कहा, ’20 स्वयंसेवक हैं, जो प्रदर्शनकारियों से उनकी जरूरत की चीज़ों पर सुझाव ले रहे हैं. हमें महिलाओं के अंडरगार्मेंट्स के लिए बहुत सारे अनुरोध मिले, इसलिए हम तुरंत उनको स्टॉक कर रहे हैं’.