बाबूलाल मरांडी भाजपा में शामिल हो गए हैं। ऐसी अटकलें झारखंड के सियासी गलियारे में तैर रही है। कहा जा रहा है कि उन्होंने शुक्रवार को नई दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के सामने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है।

इससे पहले झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र समाप्त होते ही झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी रांची से बाहर चले गए हैं। बताया जा रहा है कि वे भाजपा में शामिल होने ही झारखंड से बाहर गए हैं।
संभव है कि खरमास के बाद बाबूलाल की ओर से इसका औपचारिक एलान कर दिया जाए। अटकलों के मुताबिक बाबूलाल मरांडी को भाजपा विधायक दल का नेता चुनकर झारखंड में नेता प्रतिपक्ष के पद पर आसीन कर रही है।
हालांकि वे कहां गए हैं इस बारे में उनके नजदीकी सूत्र भी खुलासा नहीं कर रहे हैं। बाबूलाल के रांची से बाहर जाने को लेकर अटकलों का बाजार एक बार फिर गर्म हो गया है। चर्चा है कि वे दिल्ली या कोलकाता में भाजपा के शीर्ष नेताओं से मुलाकात करने निकले हैं।
बात दें कि बाबूलाल के भाजपा में शामिल होने की चर्चा जोरों पर हैं। विधानसभा चुनाव में हार के बाद भाजपा को राज्य में एक मजबूत आदिवासी नेता की तलाश है, वहीं बाबूलाल की पार्टी भी चुनाव मेंं कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर सकी है।
ऐसे में दोनों ही एक दूसरे में संभावनाएं तलाशने में जुटे हैं। यदि बाबूलाल भाजपा में शामिल होते हैं पार्टी उन्हें नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी दे सकती है। भाजपा ने अब तक यह पद रिक्त रखा है।
पार्टी की ओर से कहा गया है कि खरमास के बाद ही भाजपा में विधायक दल का नेता का चयन किया जाएगा। इधर, बाबूलाल मरांडी ने भी झाविमो कार्यसमिति को भंग कर दिया है और खरमास के बाद अगला कदम उठाने की बात कही है।
इधर विधानसभा चुनाव की हार से उबरने में लगी भाजपा संगठन के स्तर पर बेहद असहज हो रही है। हार की समीक्षा से नेता परहेज कर रहे हैं। वहीं विधायक दल के नेता को लेकर भी असमंजस की स्थिति है।
सियासी गलियारे में चल रही चर्चाओं के मुताबिक अब बाबूलाल मरांडी के भाजपा में शामिल होने के बाद ही आगे की रणनीति तय की जाएगी। हालांकि पार्टी के नेता इसे खरमास के बहाने टालने की कोशिश कर रहे हैं। अंदरखाने संगठन में बड़े बदलाव के संकेत भी मिल रहे हैं।
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