झज्जर से तालुक रखने वाले डॉ. संतराम देसवाल को पद्मश्री मिलने के बाद डीसी स्वप्निल रविंद्र पाटिल ने बधाई दी है। डीसी ने कहा कि जिले के लिए यह गौरव और सम्मान के क्षण है कि जिले के खेड़का गुर्जर गांव के रहने वाले प्रख्यात साहित्यकार, पत्रकार और समाजसेवी डॉ. संतराम देसवाल को मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने यह सम्मान दिया। भारत सरकार द्वारा साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उनके विशिष्ट योगदान का उल्लेख करते हुए यह पुरस्कार राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू द्वारा प्रदान किया गया।
डॉ. देसवाल का जन्म झज्जर जिले के एक छोटे से गांव खेडक़ा गुर्जर में एक सामान्य किसान परिवार में हुआ, उन्होंने साहित्यिक और सामाजिक जगत में असाधारण ऊंचाइयों को छुआ। डीसी ने बताया कि उनके कार्य हिंदी साहित्य, हरियाणवी भाषा और लोक परंपराओं के संरक्षण व संवर्धन में मील का पत्थर साबित हुए हैं। वे एक समर्पित शिक्षक, पत्रकार, कवि, यात्रा वृतांत लेखक, आलोचक और लोकसंस्कृति के ज्ञाता के रूप में व्यापक पहचान रखते हैं।
उपायुक्त स्वप्निल रविंद्र पाटिल ने डॉ. देसवाल को बधाई देते हुए कहा कि यह पुरस्कार न केवल डॉ. देसवाल की व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह पूरे जिले के लिए गर्व और प्रेरणा का स्रोत है। उनका जीवन ग्रामीण पृष्ठभूमि से निकलकर देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान तक की यात्रा का प्रमाण है कि लगन, मेहनत और सेवा का मार्ग सदा फलदायी होता है। डॉ. देसवाल की रचनाएं नई पीढ़ी को समाज, संस्कृति और मूल्यों की गहराई से पहचान कराती हैं। उन्होंने सामाजिक कुरीतियों, शिक्षा, बालिका संरक्षण और साक्षरता जैसे विषयों पर भी सक्रिय योगदान दिया है। उनकी पहल पर सोनीपत जिले के जगदीशपुर गांव में सौ फीसदी साक्षरता दर हुई, यह उनके सामाजिक नेतृत्व की प्रभावशीलता को दर्शाता है।
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