हिन्दू पंचांग के अनुसार, आज से माघ महीना शुरु हो चुका है। यह महीना 27 फरवरी 2021 को समाप्त होगा। इसके बाद फाल्गुन माह प्रारंभ होगा। धार्मिक रूप से माघ महीना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस महीने पूजा-पाठ, स्नान-ध्यान, दान-पुण्य आदि का विशेष महत्व होता है। शास्त्रों में इस माह के नियम भी बताए गए हैं। इस महीने में कुछ विशेष कामों को करने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा बरसाते हैं।

शास्त्रों में बताए गए नियमानुसार, माघ माह में पूजा-पाठ जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से जातकों को शुभ फलों की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि जो व्यक्ति माघ माह में पूजा-पाठ करता है उस जातक के घर में सुख-शांति और खुशहाली सदा बनी रहती है।
शास्त्रों में बताए गए नियम के अनुसार, माघ मास में जगत के पालनहार भगवान विष्णु को तिल चढ़ाने और ब्राह्मणों व जरूरतमंद लोगों को दान करने से पापों से मुक्ति मिलती है। साथी ही यह उपाय करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
माघ के पावन महीने में जातकों को अपने घर में गीता अथवा अखंड रामायण का पाठ करवाना चाहिए। इन मांगलिक कार्यों के लिए यह माह उत्तम माना जाता है। कहते हैं कि ऐसा करने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं। धन-धान्य की कमी नहीं रहती है।
माघ माह में दान करने से जातकों को मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। इसलिए इस महीने में अपनी सामर्थ्य के हिसाब से दान जरूर करना चाहिए। कहते हैं कि माघ माह में अन्न, वस्त्र या धन के दान से घर में सुख-शांति बनी रहती है।
माघ माह के दौरान कृष्ण पक्ष में सकट चौथ (गणेश चतुर्थी व्रत) षटतिला एकादशी, मौनी अमावस्या आती है तो शुक्ल पक्ष में वरदतिलकुन्द-विनायक चतुर्थी, वसंत पंचमी, शीतला षष्ठी, रथ-अचला सप्तमी, जया एकादशी व्रत और माघी पूर्णिमा जैसे पर्व आते है।
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