राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में विजय के बाद लोकसभा चुनाव के लिए ताकत झोंक चुकी भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा का कहना है कि यह चुनाव विकास के मुद्दे पर लड़ा जाएगा। मोदी गारंटी भाजपा की सबसे बड़ी लाइन है। आपदा में मदद न करने के हिमाचल सरकार के आरोपों को जहां वह सबसे बड़ा झूठ बताते हैं वहीं हरियाणा में जननायक जनता पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर वह सकारात्मक हैं। आत्मविश्वास से लबरेज नड्डा कहते हैं कि पंजाब में भाजपा अपने दम पर चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी में है। देश में बन रहे चुनावी माहौल के बीच भाजपा के रुख व तैयारियों के साथ-साथ विभिन्न पहलुओं पर अमर उजाला से हुई उनकी विस्तृत विशेष बातचीत के प्रमुख अंश…
आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़ा मुद्दा क्या मानती है?
उत्तर: हमारे लिए मुद्दा विकास है। हमने विगत साढ़े नौ वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देश के लिए क्या-क्या उपलब्धियां अर्जित की हैं, उस मुद्दे पर हम चुनाव में जा रहे हैं। हमारे लिए मुद्दा ये है कि देश के जन-जन को सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है या नहीं? इसलिए आपने देखा होगा, विपक्ष जहां तुष्टिकरण की राजनीति कर रहा है, झूठे वादे का पिटारा खोल रहा है, वोट पाने के लिए यात्राएं निकाल रहा है, वहीं आदरणीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में विकसित भारत संकल्प यात्रा चल रही है। मोदी गारंटी – ये हमारी सबसे बड़ी लाइन है जिसमें जन-जन को विश्वास है जिसका नजारा आपने हालिया विधान सभा चुनाव में देखा है।
10 साल सत्ता में रहने पर एंटी इनकंबेंसी होती ही है लेकिन आप कहते हैं कि प्रो इनकंबेंसी है, कैसे?
उत्तर: जो सरकार जनता के लिए नहीं, केवल एक परिवार के लिए काम करती है, जो सरकार जनता को पराया समझती है और केवल अपने-अपनों के लिए काम करती है, वहां एंटी-इनकंबेंसी होती है। भारतीय जनता पार्टी की सरकारें हर नागरिक को अपना समझती है, इसलिए सबके लिए काम करती है। और, जब आप जनता के लिए काम करते हैं तो वहां एंटी- इनकंबेंसी हो ही नहीं सकती। वहां प्रो- इनकंबेंसी होती है।
छत्तीसगढ़ का उदाहरण लीजिये। भाजपा की 15 साल तक वहां सरकार रही। जनता ने बस एक बार परिवर्तन के ख्याल से कांग्रेस को चुन लिया। एक ही कार्यकाल में जनता को पता चल गया और कांग्रेस की सरकार को उखाड़ फेंका। मध्य प्रदेश में हमारी 18 साल से सरकार है। बीच में एक-डेढ़ साल के लिए गलती से कांग्रेस की सरकार आई लेकिन उसी एक डेढ़ साल में जनता को पता चल गया कि कांग्रेस की सरकार कितनी खराब है। गुजरात में 27 वर्षों से भाजपा की सरकार है। इस बार तो वहां सारे रिकॉर्ड धाराशायी हो गए। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर – हर जगह देख लीजिये, जहां भाजपा एक बार चुन कर आती है, वहां जनता बार-बार भाजपा को ही चुनती है। ये मुमकिन होता है नेतृत्व, नीति, नीयत और रिजल्ट से।
हिमाचल में कांग्रेस की सरकार है, वहां सरकार के साथ मुकाबला होगा। कितना कठिन मानते हैं?
उत्तर: कोई मुकाबला नहीं है। विधानसभा चुनाव में भी जीत-हार का मार्जिन एक प्रतिशत से भी कम वोटों का रहा। विधानसभा चुनाव के बाद से गंगा में पानी बहुत बह गया है। चारों सीटों पर भाजपा की जीत होगी।
सुक्खू सरकार आरोप लगाती है कि आपदा में केंद्र ने मदद नहीं दी। आप क्या कहेंगे?
उत्तर: (आक्रामकता मुद्रा में)इससे बड़ा झूठ और क्या हो सकता है? प्रदेश में विपदा आते ही प्रधानमंत्री जी ने उनसे मुझसे हिमाचल आने के लिए कहा। कुल मिलाकर प्रदेश को राहत के लिए अब तक 1782 करोड़ रुपए प्रदान किए जा चुके हैं। इसके अलावा प्रदेश में 11 हजार घरों को बनाने के लिए 2500 करोड़ रुपए अलग से हिमाचल सरकार को दिए गए।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत 2,700 किलोमीटर सड़क बनाने के लिए बजट दिया गया है। केंद्र से बजट और वित्तीय सहायता मिलने के बावजूद उनका कुछ नहीं मिला कहना एवं और बजट मांगना गलत है। हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार को जितना पैसा दिया गया है, पहले वो उतना तो खर्च करे उसके बाद प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की ओर से हिमाचल प्रदेश के लिए पहले राउंड में बजट आवंटित किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश में राहत कार्यों में भी बंदरबाट हो रही है। यह देखा जा रहा है कि कौन प्रधान अपना है और कौन पराया? इन्हें (कांग्रेस) समझना चाहिए कि अगर विपदा आती है तो सबके लिए आती है, आपदा कांग्रेस या भाजपा में अंतर नहीं करती है। राहत कार्यों में अपना-पराया न करें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी सभी प्रदेशों की जनता को बराबर समझते हैं और सबको साथ लेकर आगे बढ़ते हैं। मैं इस पर बोलना नहीं चाहता था लेकिन आपने प्रश्न पूछा तो इसका उत्तर देना जरूरी था।
हरियाणा में भाजपा की हैट्रिक कैसे लगाएंगे। लगातार 10 साल सरकार रहने पर क्या एंटी इनकंबेंसी फैक्टर (सत्ता विरोधी लहर) आप महसूस करते हैं?
उत्तर: कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं है। गुजरात में 27 साल तक सरकार रहने के बावजूद कोई एंटी- इनकंबेंसी नहीं हुई, मध्य प्रदेश में नहीं हुई, गोवा में नहीं हुई, यूपी और बाकी राज्यों में नहीं हुई तो हरियाणा में भी नहीं होगा। वैसे भी विधानसभा और लोकसभा का चुनाव अलग होता है। केंद्र में जनता ने केवल और केवल मोदी गारंटी पर मुहर लगाने का मन बनाया है। हरियाणा पहला किरोसिन मुक्त राज्य बना, शत-प्रतिशत पढ़ा लिखा पंचायत बना। वहां परिवार पहचान पत्र जैसे कई विकास के कार्य हुए। हम यहां सभी सीटें जीतने जा रहे हैं।