बिहार सरकार की सत्ताधारी पार्टी जेडीयू ने सरकार में साझीदार सुशील कुमार मोदी के उस विचार को काल्पनिक बताया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि कोरोना संक्रमण के दौर में आगामी बिहार विधानसभा चुनाव डिजिटल तरीके से होगा.

जेडीयू ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के बीच देश में डिजिटल गतिविधि में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है मगर बिहार में इसी साल के अंत में होने वाले चुनाव डिजिटल तरीके से होंगे, ऐसा कहना फिलहाल काल्पनिक है.
जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा, “कोविड-19 काल में डिजिटल गतिविधियां देश में काफी बढ़ी है और ऐसे में बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी परंपरागत तौर पर होने वाली रैलियां और हेलिकॉप्टर के इस्तेमाल में बदलाव की गुंजाइश हो सकती है, सुशील मोदी ने जो कहा है वह फिलहाल एक काल्पनिक स्थिति है मगर चुनाव आयोग को कई तरह के बदलाव के लिए खुद को तैयार करना पड़ेगा.”
वहीं दूसरी तरफ विपक्षी पार्टी आरजेडी ने सुशील कुमार मोदी पर हमला करते हुए कहा है कि कोविड-19 महामारी के दौरान भी उन्हें केवल बिहार विधानसभा चुनाव की चिंता सता रही है.
आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि आपदा और बिहार के इस संकटकाल में सरकार को लोगों के साथ खड़ा होना चाहिए और उनकी चिंता करनी चाहिए.
लाखों की संख्या में जो प्रवासी मजदूर आ रहे हैं, उन्हें किस तरीके से रोजगार दिया जाए, इसकी चिंता उन्हें नहीं है बल्कि उन्हें केवल चुनाव की पड़ी है. यह साफ तौर पर दिखाता है कि बीजेपी जनता के बारे में नहीं बल्कि चुनाव के बारे में सोचती है.
बता दें कि इस साल के अंत में बिहार विधानसभा के लिए चुनाव होने हैं. लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से चुनाव की तैयारियां रुकी हुई हैं. बिहार में विधानसभा की 243 सीटें हैं. 2015 में 12 अक्टूबर से 5 नवम्बर के बीच चुनाव हुए थे.
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