शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए पीएचडी पाठ्यक्रम में दाखिला के लिए प्रवेश परीक्षा बहाली के मुद्दे पर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय(जेएनयू) प्रशासन और छात्र संघ आमने-सामने है। परीक्षा बहाली की मांग को लेकर शनिवार को जनमत संग्रह कराया गया। छात्र संघ की ओर से जनमत संग्रह का आह्वान किया गया था। खबर लिखे जाने तक मतदान जारी था।
मतदान के लिए हॉस्टल परिसर में दस बूथ बनाए गए। छात्र संघ के अध्यक्ष नीतीश कुमार और उपाध्यक्ष मनीषा ने बताया कि वर्ष 2023 में पीएचडी दाखिला के लिए सीयूईटी का आयोजन किया गया। वर्ष 2024 में यूजीसी नेट के आधार पर पीएचडी दाखिला दिया गया। जबकि कई विश्वविद्यालय दाखिला को लेकर खुद से परीक्षा का आयोजन करते है।
ऐसे में जेएनयू क्यों प्रवेश परीक्षा का आयोजन नहीं कर सकता है। हमारी मांग है कि पीएचडी दाखिला के जेएनयू दोबारा से प्रवेश परीक्षा को बहाल करें। वाइवा को लेकर भी छात्रों के साथ भेदभाव किया जाता है। इसी को लेकर छात्रों के बीच जनतम संग्रह करा रहे है। हैरानी वाली बात है कि पिछले वर्ष 16 दिन तक इस मांग को लेकर छात्र संघ ने भूख हड़ताल की थी।
उन्होंने बताया कि कुलपति ने परीक्षा कराने का वादा किया था। स्कूल और विशेष केंद्रों के डीन भी प्रवेश परीक्षा बहाली के पक्ष में है। मगर, प्रशासन इस संबंध में कोई कदम नहीं उठा रहा है। यूजी और पीजी स्तर पर सीयूईटी के जरिए प्रवेश दिया जा रहा है। इस व्यवस्था को भी बदलने की जरूरत है। जनमत संग्रह में करीब दो-तीन हजार छात्र हिस्सा ले रहे है। देर रात को परिणाम घोषित होने की उम्मीद है।
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