जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने शुक्रवार को मानव संसाधन विकास मंत्रालय (HRD) के सचिव अमित खरे से मुलाकात की। अमित खरे से मुलाकात के बाद आइशी घोष ने कहा कि साकारात्म बातचीत हुई है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि वे मामले में सकारात्मक हस्तक्षेप करेंगे और जल्द ही इस मुद्दे पर एक सर्कुलर जारी करेंगे।

आइशी घोष ने कहा, हमने मांग की कि जेएनयू के वीसी को तुरंत उनके पद से हटा दिया जाना चाहिए क्योंकि वह विश्वविद्यालय नहीं चला पा रहे हैं। हमें एक ऐसे वीसी की जरूरत है जो नए सिरे से कैंपस में सामान्य स्थिति लाने में मदद कर सके।
आइशी घोष ने कहा, मुझे इस देश की कानून-व्यवस्था पर पूरा भरोसा है कि जांच निष्पक्ष होगी। मुझे न्याय मिलेगा। लेकिन दिल्ली पुलिस पक्षपात क्यों कर रही है? मेरी शिकायत एफआईआर के रूप में दर्ज नहीं की गई है। मैंने कोई मारपीट नहीं की है।
जेएनयूएसयू की अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा- मेरे पास भी सबूत है। एक तरह से हमारे ऊपर ही आरोप मढ़ने की कोशिश की जा रही है। पुलिस के संदिग्ध बोलने से कोई संदिग्ध नहीं हो जाता है।
उसका सबूत भी होना चाहिए। मुझे न प्रॉक्टर पर भरोसा है और न ही कुलपति पर भरोसा है। हमले के वक्त पुलिस मूकदर्शक बनकर खड़ी थी। ऐसा कोई विडियो है जिसमें मैं रॉड या लाठी लेकर खड़ी दिख रही हूं?
वहीं, हिंसा मामले में जेएनयू छात्र संघ के उपाध्यक्ष साकेत मूल ने कहा कि छात्र मानव संसाधन विकास पर विश्वास रखें, लेकिन गृह मंत्रालय पर नहीं।
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