सरकार ने जोर देकर कहा है कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) एक जुलाई से ही लागू होगा और इसके सुचारू क्रियान्वयन को लेकर तैयारी जोर-शोर से जारी है. सरकार ने इसे टाले जाने की अफवाह को सिरे से खारिज कर दिया.
उद्योग से जुड़ा एक तबका जीएसटी क्रियान्वयन को टाले जाने की मांग करता रहा है. पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने भी जीएसटी एक महीने टाले जाने की मांग की थी. वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, भारत सरकार ने जोर देकर कहा है कि जीएसटी एक जुलाई 2017 से लागू होना है. केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) ने राज्य सरकारों के साथ मिलकर अपना संपर्क कार्यक्रम बढ़ाया है ताकि अंतिम व्यापारी तक पहुंचा जा सके.
राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा, जीएसटी के क्रियान्वयन में देरी की अफवाह झूठ है. कृपया इसको लेकर गुमराह मत होइए. मंत्रालय ने कहा कि ऐतिहासिक जीएसटी को एक जुलाई से लागू करने के लिये तैयारी जोर-शोर से जारी है.
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद ने 1,200 वस्तुओं तथा 500 सेवाओं पर कर की दरें तय कर दी है. इन वस्तुओं और सेवाओं को 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत के कर स्लैब में रखा गया है. परिषद में राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हैं. जीएसटी परिषद की रविवार को हुई बैठक के बाद वित्त मंत्री ने कहा कि केन्द्र और राज्यों ने ज्यादातर मुद्दों पर विचार विमर्श कर लिया है.