जितिया व्रत में महिलाएं भूलकर भी न करें ये 7 काम, हो सकता है नुकसान

पुत्र की लंबी आयु, आरोग्य और सुखी जीवन के लिए जितिया व्रत या जीवित्पुत्रिका व्रत 22 सितंबर दिन रविवार को है। इस पूछा की खास बात है कि इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं। इसके बाद शाम को पूजा करती हैं और अगले दिन पारण करती हैं।

इसे बहुत कठीन व्रत माना जाता है। इसमें न तो पानी पी सकते हैं और न हीं कुछ खा सकते हैं। हालत ऐसी होती है कि प्यास की वजह से गला सूख जाता है।

यह कठिन व्रत संतान की मंगलकामना के लिए है। इसमें महिलाओं को कड़े नियमों का पालन करना होता है। आइए जानते हैं कि इस व्रत के दौरान किन चीजों को परहेज करना चाहिए या उनको नहीं करना चाहिए।

1. जिन महिलाओं को गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हैं, उनको इस व्रत को नहीं करना चाहिए। यह निर्जला व्रत है, ऐसे में आपकी स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ सकती हैं। आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

2. व्रत से एक दिन पूर्व तामसी भोजन न करें। लहसन, प्याज और मांसाहार का त्याग कर दें।

3. इस व्रत में पानी की कमी के कारण डिहाइड्रेशन होने का खतरा है, ऐसे में आप धूप में जाने से बचें। धूप में जाने से आपके शरीर में पानी की कमी हो सकती है और आप बीमार हो सकती हैं।

4. अपने शरीर को शीतल रखने का प्रयास करें। यदि शरीर ठंडा रहेगा, तभी पानी की कमी को वह सहन कर पाएगा।

5. इस व्रत में भूलकर भी ज्यादा कामकाज न करें। शरीर में थकान के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

6. संयम का दूसरा नाम व्रत है। व्रत के दौरान मन, वचन और कर्म की शुद्धता आवश्यक है। मन और शरीर को संयमित रखें।

7. व्रत के समय दूसरे को अपशब्द या मन को तकलीफ देनी वाली बातें न करें। इससे आपका व्रत निष्फल हो जाएगा।

8. गर्भवती महिलाओं को भी यह व्रत नहीं करना चाहिए।

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