जाली पासपोर्ट बनवाकर गुंडों को विदेश भेजने वाले गैंग का भंडाफोड़, गोरखधंधे में शामिल था बर्खास्त सिपाही

दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने जाली पहचान का इस्तेमाल कर उपयोग कर गैंगस्टरों और अपराधियों को विदेश भागने में मदद करने वाले एक फर्जी पासपोर्ट गिरोह का भंडाफोड़ किया। पुलिस ने इस गिरोह के सरगना निशांत कुमार सक्सेना समेत उसके सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है। लोगों में नीरज बवाना गिरोह का एक सदस्य भी शामिल है। निशांत कुमार पेशे से वकील है।

अपराध शाखा के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त संजय कुमार सैन ने बताया कि अपराध शाखा गैंगस्टरों, वांछित अपराधियों और पैरोल पाकर फरार होने वाले अपराधियों के लिए फर्जी पासपोर्ट बनाने में शामिल गिरोह पर नजर रखे हुए थी। चार महीने की निगरानी के दौरान पुलिस टीम को इस गिरोह के बारे में खुफिया जानकारी मिली कि आरोपियों ने फर्जी नाम और पते का इस्तेमाल कर आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, पैन कार्ड और अन्य सरकारी दस्तावेज बनवाए हैं। ये पता लगा कि फर्जी पहचान पत्रों का इस्तेमाल पासपोर्ट कार्यालयों, मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश के लखनऊ में अपने स्रोतों के माध्यम से वैध भारतीय पासपोर्ट हासिल करने के लिए किया गया। गैंगस्टर व अपराधी इस गिरोह से संपर्क करते थे, ताकि वह विदेश भाग सकें।

पुलिस गिरोह तक ऐसे पहुंची
संजय कुमार सैन ने बताया कि आरोपी फर्जी नाम-पते का इस्तेमाल कर फर्जी आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पैन कार्ड बनवाते थे। फिर, यूपी के लखनऊ में पासपोर्ट कार्यालयों में अपने लिंक के माध्यम से फर्जी पहचान का इस्तेमाल कर पासपोर्ट तैयार कर लेते थे। पुलिस ने एक फर्जी ग्राहक को इस नेटवर्क के सदस्यों के साथ सौदा करने के लिए लगाया। गिरोह सरगना निशांत कुमार सक्सेना ने एजेंट सूफियान और अन्य सिंडिकेट सदस्यों के साथ मिलकर फर्जी ग्राहक का फर्जी दस्तावेज यानी आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र तैयार किया।

कमल कुमार के नाम से बनाया पासपोर्ट
आरोपियों ने कमल कुमार शर्मा पुत्र देवेंद्र कुमार शर्मा निवासी प्लॉट नंबर 12, मिष्ठान वाटिका के पीछे, सुल्तानपुर रोड, अर्जुनगंज, लखनऊ, उत्तर प्रदेश के नाम से पासपोर्ट तैयार किया तो पता चला कि यह गिरोह एक सुनियोजित योजना और षडयंत्र के तहत फर्जी पहचान, विवरण आदि पर अपराधियों और अन्य लोगों के पासपोर्ट तैयार करने के रैकेट में शामिल है।

मामला दर्ज कर जांच शुरू की
फर्जी ग्राहक का फर्जी पासपोर्ट बनने के बाद अपराध शाखा, दिल्ली में मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई। इंस्पेक्टर मनमीत मलिक की ओर से तैयार रणनीति के तहत फर्जी पासपोर्ट की डिलीवरी 25 फरवरी को तय की गई। इस दिन पुलिस टीम ने निशांत सक्सेना के लखनऊ, यूपी के कार्यालय में छापा मारा गया और कमल कुमार शर्मा के पासपोर्ट की बरामदगी के साथ उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

अन्य गिरफ्तार आरोपी
पुलिस ने सिंडिकेट के सरगना रसूलपुर कायस्त, लखनऊ शहर, यूपी निवासी निशांत कुमार सक्सेना पुत्र सर्वेश कुमार सक्सेना के अलावा उसके छह साथियों रामगंज, हुसैनाबाद, लखनऊ, यूपी निवासी सुफियान पुत्र रिजवान (28), एकता नगर, कैंपवेल रोड, पोस्ट ऑफिस चौक, बालागंज, लखनऊ, यूपी निवासी अतुल कुमार पुत्र मुनेश्वर दयाल, ग्राम मेमनाबाद, थाना- तहसील सफीदों, जिला जींद, हरियाणा निवासी सुखदीप सिंह पुत्र निशान सिंह (36), किशोरगंज, कैंपवेल रोड, लखनऊ, यूपी निवासी उसामा जफर पुत्र जफर महमूद (28), गांव जाजवान, थाना सदर जींद, जिला जींद, हरियाणा निवासी व नीरज बवाना गैंग के एक बदमाश मोनू उर्फ आर्यन (27) पुत्र कमल सिंह और गुरु अमरदास एवेन्यू, अमृतसर, पंजाब निवासी हरपाल सिंह (57 वर्ष) को गिरफ्तार कर लिया है।

अमेरिका से निर्वासित किया गया गुरविंदर
आरोपी सक्सेना लुधियाना, पंजाब के निवासी गुरविंदर सिंह का फर्जी पासपोर्ट तैयार करने और उसे विदेश अमेरिका भेजने में भी शामिल रहा है। गुरविंदर सिंह को अमेरिका ने निर्वासित कर दिया है और निशांत कुमार सक्सेना के खिलाफ पीएस मेहरबान, लुधियाना, पंजाब में मामला दर्ज किया गया है।

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