नए नागरिकता कानून के खिलाफ जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों के विरोध प्रदर्शन में हुई हिंसा पर पीपल्स यूनियन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. PUDR ने बताया, ‘फैक्ट फाइडिंग टीम (तथ्यों की खोज) से हरीश धवन ने जामिया में जाकर वहां प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा पर शोध किया. वे पीपल्स यूनियन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स से हैं. यह सच है कि वहां लोग पथराव कर रहे थे, लोगों ने मोटरबाइकों में भी आग लगा दी.’
प्रेस कॉन्फ्रेंस में PUDR ने कहा, ‘बसों को जलाने और जामिया के बाहर क्या हुआ, उस पर जांच होनी चाहिए. आमतौर पर एक प्रॉक्टर पुलिस बल के साथ आता है, लेकिन ये अजीब है कि पुलिस भी इन कृत्यों में लिप्त है, जो आपराधिक है.’
बहुत से छात्रों को चोटें आईं
PUDR ने कहा कहा, ‘जामिया के गेट से लाइब्रेरी और रीडिंग रूम में सीसीटीवी कैमरे पर हमला किया गया. पुलिस का दावा है कि पथराव के बाद कुछ लोग जामिया कैंपस में घुस गए थे, इसलिए उन्हें परिसर में जाना पड़ा. ऐसा हो सकता है कि वे पुलिस से दूर भाग रहे थे. हालांकि, दूसरी तरफ बहुत से छात्रों के सिट, पीठ और पैरों में चोटें आई थीं. एक छात्र ने तो अपनी आंख भी खो दी.’
पीपल्स यूनियन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स ने कहा, ‘इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कुछ भी करने से इनकार कर दिया, दुखदायी है. हम अदालत से अपील करेंगे कि क्या कुछ हुआ, हालात पर सूचना ले. वर्दी में अपराधियों को मुफ्त में घूमने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.’