नई दिल्ली: राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार पर कई घोटालों का आरोप लगाने वाले सुशील मोदी अब खुद ही निशाने पर आ गए हैं. लालू और उनके बेटे तेजस्वी यादव ने एक के बाद एक कई ट्वीट करके सुशील मोदी पर आरोप लगाए हैं. इससे पहले भी फेसबुक के जरिए तेजस्वी यादव ने सुशील मोदी से उनके भाई को लेकर कई सवाल पूछे थे. लालू ने ट्वीट करके कहा है कि दूसरों के घर में कितने खिड़की-जंगले,पंखे-कूलर है वो इसे पता है पर भाई की कंपनी में मनी लॉन्ड्रिंग का सरताज डायरेक्टर है वो नहीं पता? है ना गजब.
दरअसल, तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया था कि सुशील मोदी बताएं कि ललित छाछवरिया जैसे मनी लॉन्ड्रिंग के बेताज बादशाह उनके भाई आरके मोदी की रियल इस्टेट कम्पनी में डायरेक्टर हैं या नहीं?
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने पूछा कि सुशील मोदी बताएं कि आरके मोदी उनके सगे भाई हैं कि नहीं? कैसे इतने कम समय में मोदी परिवार ने हज़ारों-हज़ार करोड़ की सम्पत्ति अर्जित कर ली. तेजस्वी ने सवाल किया था कि ललित छाछवरिया जैसे मनी लॉन्ड्रिंग के बेताज बादशाहों का उनके भाई की कम्पनी से क्या लेना देना है? आरके मोदी के ललित छाछवरिया से व्यावसायिक सम्बन्ध हैं कि नहीं? इनके भाई की कम्पनी में जिस तरह 400-400 करोड़ की बेनामी एंट्री घुमाई गईं हैं, मनी लॉन्ड्रिंग की गई है, मनी लेयरिंग की गईं हैं. क्यों नहीं सुशील मोदी प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहते हैं कि इस पर जांच होनी चाहिए. .क्यों नहीं सुशील मोदी ED और अन्य एजेंसियों को लिखते कि उनके भाई की सभी कम्पनियों में धन के अर्जन, आवाजाही और स्रोतों तथा आर्थिक अनियमितताओं की पूरी ईमानदारी और निष्पक्षता से जांच की जाए?
गौरतलब है कि पिछले दो महीने से लगातार राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद के परिवार पर बेनामी संपत्ति रखने का आरोप लगा रहे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (सुमो) को अब पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया है कि पूर्व मंत्री सुधा श्रीवास्तव और वर्तमान मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी से भी राबड़ी देवी ने कीमती जमीन अपने नाम करवा ली थी. सुशील मोदी ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा, “लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में पद का दुरुपयोग कर विधायक सहकारी समिति (एमएलए को-ऑपरेटिव) की 10-10 लाख रुपये बाजार मूल्य की जमीन औने-पौने कीमत पर पूर्व मंत्री सुधा श्रीवास्तव और अब्दुल बारी सिद्दीकी से अपने नाम करवा ली थीं.