देश के 72वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने अपने चार साल के कामकाज सामने रखे, वहीं विपक्ष की आलोचनाओं का कविताओं के जरिये से जवाब दिया. इसके साथ उन्होंने कहा कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में जीत मिलने पर वह विकास की गति को और तेज करेंगे.
पीएम मोदी ने लाल किले से अपने भाषण में कविताओं के जरिये से कुछ इस तरह अपनी बेसब्री की वजह बताई.
मैं बेसब्र हूं, क्योंकि जो देश हमसे आगे निकल चुके हैं, हमें उनसे भी आगे जाना है.
मैं बेचैन हूं, हमारे बच्चों के विकास में बाधा बने कुपोषण से देश को मुक्त कराने के लिए.
मैं व्याकुल हूं, देश के हर गरीब तक समुचित हेल्थ कवर पहुंचाने के लिए, ताकि वो बीमारी से लड़ सके.
मैं व्यग्र हूं, अपने नागरिकों की जीवन गुणवत्ता को सुधारने के लिए.
मैं अधीर हूं, क्योंकि हमें ज्ञान-आधारित चौथी औद्योगिक क्रांति की अगुवाई करनी है.
मैं आतुर हूं, क्योंकि मैं चाहता हूं कि देश अपनी क्षमताओं और संसाधनों का पूरा लाभ उठाए.
पीएम मोदी ने इसके साथ ही कविता के जरिये अपना इरादे भी जाहिर किए-
अपने मन में एक लक्ष्य लिए
मंज़िल अपनी प्रत्यक्ष लिए
हम तोड़ रहे हैं जंजीरें
हम बदल रहे हैं तस्वीरें
ये नवयुग है, नव भारत है
खुद लिखेंगे अपनी तकदीरें.
हम निकल पड़े हैं प्रण करके
अपना तन-मन अर्पण करके
जिद है एक सूर्य उगाना है
अंबर से ऊंचा जाना है
एक भारत नया बनाना है
एक भारत नया बनाना है.
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अपना लक्ष्य भी बताया-
हर भारतीय के घर में शौचालय हो
हर भारतीय अपने मनचाहे क्षेत्र में कुशलता हासिल कर सके
हर भारतीय को अच्छी और सस्ती स्वास्थ्य सेवा सुलभ हो
हर भारतीय को बीमा का सुरक्षा कवच मिले.