अल्ताफ बुखारी का पूरा नाम सैयद अल्ताफ बुखारी है जो फिलहाल जम्मू-कश्मीर के अमिरा कदल विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. वे पिछली सरकार में शिक्षा मंत्री भी रह चुके हैं. पूर्व में पीडब्लूडी मंत्री रहे अल्ताफ बुखारी वित्त मंत्री भी रह चुके हैं. पिछली पीडीपी-बीजेपी सरकार में वित्त मंत्री रहे हसीब द्राबू को कश्मीर पर विवादित बयान देने के कारण मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने हटा दिया था. द्राबू के हटने के बाद अल्ताफ बुखारी को अंतरिम वित्त मंत्री बनाया गया था.
बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए बुखारी ने कहा, ‘धारा 370 और 35ए हमारे लिए अहम मुद्दे हैं. यह सबकुछ (सरकार बनाने की कोशिश) इसे बचाने के लिए हो रहा है.’ बुखारी के इस बयान से साफ है कि संभावित पीडीपी-कांग्रेस-एनसी गठबंधन बीजेपी के उस एजेंडे के खिलाफ चलेगा जिसमें धारा 370 और 35ए समाप्त करने की सुगबुगाहट सुनाई पड़ती है.
अल्ताफ बुखारी को जम्मू-कश्मीर में कृषि प्रधान विकास के लिए जाना जाता है. इन्होंने प्रदेश में खेती से जुड़े विकास के कई कार्यों को अंजाम दिया और लोगों की भलाई से जोड़ा. कई कृषिगत उपलब्धियों के लिए भी इन्हें जाना जाता है. यही देखते हुए पीडीपी अध्यक्ष और तत्कालीन मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने द्राबू को हटाकर इन्हें वित्त मंत्री बनाया था.
जब सरकार नही काम आई किसानों कों तो बॉलिवुड इस शहंशाह ने चुुकाया कर्ज…
सैयद अल्ताफ बुखारी को कृषि में 35 साल से ज्यादा वर्षों का अनुभव है. बागवानी से जुड़े उद्योगों में भी बुखारी का नाम काफी प्रमुखता से लिया जाता है. राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड का निदेशक पद संभाल चुके बुखारी आईआईटी दिल्ली के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में भी रह चुके हैं. आईआईटी दिल्ली के बोर्ड में रहने के दौरान उन्होंने कृषि से जुड़ी कई रिसर्च कीं.
प्रदेश के शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी के एग्रीकल्चर साइंस एंड टेक्नोलॉजी के प्रबंधन बोर्ड में भी बुखारी ने अहम योगदान दिया है. बुखारी एग्रीकल्चरल स्टैटिस्टिक्स रिसर्च इंस्टीट्यूट के रिसर्च एडवायजरी कमेटी से भी लंबे समय तक जुड़े रहे हैं. श्रीनगर स्थित सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ टेम्परेट हॉर्टिकल्चर के वे सदस्य रहे हैं. उद्योगपति और समाजसेवी (परोपकारी) होने के साथ साथ जम्मू कश्मीर के कृषि क्षेत्र में बड़े बदलावों के लिए सैयद अल्ताफ बुखारी का नाम प्रमुखता से लिया जाता है.