सनातन धर्मग्रंथों में भगवान शिव को सृष्टि का पालनहार बताया गया है। मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि के दिन इनकी विशेष पूजा करने से भोलेनाथ अपने भक्तों से अत्यंत प्रसन्न होते हैं और उनकी मनोकामना पूर्ण करते हैं। बता दें कि प्रत्येक माह के चतुर्दशी तिथि के दिन मासिक शिवरात्रि व्रत रखा जाता है। शास्त्रों में बताया गया है कि मार्गशीर्ष अर्थात अगहन मास में भी इस व्रत को श्रद्धापूर्वक रखने से विशेष लाभ मिलता है। इस विशेष दिन पर भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा की जाती है। इस दिन भगवान शिव की पूजा रात्रि के समय की जाती है। आइए जानते हैं अगहन मास में किस दिन रखा जाएगा मासिक शिवरात्रि व्रत और पूजा मुहूर्त
मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ: 22 नवंबर 2022 को सुबह 08 बजकर 49 मिनट से
चतुर्दशी तिथि समापन: 23 नवंबर 2022 को सुबह 06 बजकर 53 मिनट पर
मासिक शिवरात्रि व्रत: 22 नवंबर 2022, मंगलवार
भगवान शिव पूजा मुहूर्त: 22 नवंबर 2022, मंगलवार रात 11 बजकर 47 से प्रात: 12 बजकर 40 तक
मार्गशीर्ष मास में मासिक शिवरात्रि के दिन दो अत्यंत शुभ योगम का निर्माण हो रहा है। इस दिन शोभन और सौभाग्य योग का संयोग बन रहा है। मान्यता है कि इन दोनों योग में पूजा पाठ करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है, साथ ही उत्तम सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस दिन व्रत रखने से अविवाहित लोगों को उत्तम जीवनसाथी प्राप्त होता है। वहीं वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है।
सौभाग्य योग: 21 नवंबर 2022, रात 09:07 से 22 नवंबर 2022, शाम 06:38
शोभन योग: 22 नंवबर 2022, शाम 06:38 – 23 नवंबर 2022 दोपहर 03:40
मासिक शिवरात्रि 2022 नियम (Masik Shivratri 2022 Niyam)
मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा के लिए साफ-सफाई का विशेष ध्यान। सुबह स्नान करने से पहले पूजा स्थल की सफाई कर लें और पूजा हमेशा प्रदोष काल में करें।
पूजा के समय भगवान शिव को गंध, पुष्प, धूप, दीप के साथ बेलपत्र, धतूरा अर्पित करना ना भूलें। इन चीजों से भोलेनाथ अत्यंत प्रसन्न होते हैं।
पूजा और जलाभिषेक के समय निरंतर ॐ नमः शिवाय का जाप करते रहें। साथ ही महामृत्युंजय मंत्र का जाप भी कम से कम 108 बार करें।