जानिए क्या हो पायेगा, सरकारी बैंकों का निजीकरण ?

जानिए क्या हो पायेगा, सरकारी बैंकों का निजीकरण ?

पंजाब नेशनल बैंक में हुए महाघोटाले ने पुरे देश को हिला कर रख दिया है. इस 11000 करोड़ के गबन के बाद, इसको लेकर राजनितिक बयानबाजी भी तेज़ हो गई है. राजनीतिक दल, इस घोटाले में विपक्ष का हाथ बताकर अपना उल्लू सीधा करने में लगे हुए हैं. इसी बीच भारतीय उद्योग परिसंघ (सी.आई.आई.) ने भी भारत सरकार को बैंकों में अपनी हिस्सेदारी घटाने की सलाह दे डाली है.जानिए क्या हो पायेगा, सरकारी बैंकों का निजीकरण ?

(सी.आई.आई.) ने पीएनबी महाघोटाले के सम्बन्ध में सरकार से आग्रह किया है कि, वह बैंकों में जारी अनियमितता को रोकने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में अपनी हिस्सेदारी घटाकर 33 प्रतिशत करे. सी.आई.आई.ने साथ ही यह भी कहा कि, पीएनबी में हुई जैसी घटनाओं से बचने के लिए, सार्वजनिक बैंकों को अपनी तकनीक और निरिक्षण को बेहतर बनाने पर ध्यान देना चाहिए.

सी.आई.आई. के विरुद्ध एसोचैम और फिक्की जैसे कई उद्योग संगठनों ने सरकारी बैंकों के निजीकरण की सलाह दी है. हालांकि, वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सरकारी बैंकों के निजीकरण की बात को ख़ारिज करते हुए कहा है कि, फ़िलहाल देश की राजनीतिक सोच इसके पक्ष में नहीं है. जेटली ने कहा कि, यह एक बड़ा मुद्दा है, इसके लिए राजनीतिक सहमति के साथ ही कानून में भी संशोधन करने होंगे और इसके लिए गहन चर्चा व् अनुसन्धान की आवश्यकता है. 

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com