राफेल सौदे को लेकर संसद में हंगामा आज भी जारी रहा। सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने एक—दूसरे पर झूठ बोलने का आरोप लगाया। सोमवार को संसद में भाजपा के चार सांसदों ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को विशेषाधिकार हनन का नोटिस सौंपा। नोटिस लेने के बाद लोकसभ अध्यक्ष ने कहा कि वह इसकी जांच करने के बाद में ही कुछ फैसला लेंगी। इस बीच कांग्रेस ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दायर करने की बात कही है। आज हम आपको बता रहे हैं कि आखिर क्या है विशेषाधिकार हनन मामला और क्यों इस पर इतना बबाल हो रहा है?
क्या हैं विशेषाधिकार – विधानसभा, विधानपरिषद और सांसदों के पास कुछ विशेषाधिकार होते हैं, जिससे वह सुचारू तौर पर कार्य कर सकें। अगर कोई इन अधिकारों के खिलाफ काम करता है, तो उसे विशेषाधिकार हनन कहते हैं।
विशेषाधिकार हनन नोटिस-अगर किसी सांसद को लगता है कि इस सांसद ने अपने विशेषाधिकारों का हनन किया है, तो वह सदन के अध्यक्ष को लिखित में इसकी शिकायत कर सकता है, इसे विशेषाधिकार हनन नोटिस कहा जाता है।
क्या कहते हैं नियम -अगर किसी सदस्य के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का मामला लाया जाता है और वह उसमें दोषी पाया जाता है, तो उस सदस्य के खिलाफ सदन में कार्यवाही की जाती है। सदन के अध्यक्ष अपने विवेक के आधार पर कार्यवाही करते हैं।