नई दिल्ली (जेएनएन)। राजधानी के सरकारी स्कूलों में बतौर अतिथि शिक्षक पढ़ा रहे शिक्षकों के वेतन बढ़ाने की मांग को दिल्ली सरकार ने मान लिया है। बृहस्पतिवार को दिल्ली सरकार के मंत्रिमंडल ने वेतन बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। अब इसे स्वीकृति के लिए उप राज्यपाल नजीब जंग के पास भेजा जाएगा।
कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अभी तक अतिथि शिक्षकों को दैनिक वेतन भोगी के रूप में वेतन मिलता था। छुट्टी वाले दिन का उन्हें कोई भुगतान नहीं मिलता था। अब ऐसा नहीं होगा। स्कूलों में स्थायी शिक्षकों की तरह अतिथि शिक्षकों को भी वेतन व अवकाश मिलेगा। एक वर्ष में आठ आकस्मिक अवकाश गेस्ट टीचर ले सकेंगे।
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मुख्यमंत्री ने बताया कि शिक्षा का अधिकार कानून में जिस प्रकार शिक्षकों के लिए सीटेट (कंबाइंड टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट) परीक्षा पास करने को अनिवार्य बताया गया है। इसके लिए शिक्षकों को पांच वर्ष की मोहलत दी गई थी।
दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले 15 हजार अतिथि शिक्षकों ने सीटेट पास कर लिया है, जबकि दो हजार अभी तक सीटेट की परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पाए हैं। इस आधार पर दो हजार शिक्षकों की नौकरी जा सकती है, लेकिन दिल्ली सरकार ने उन्हें इस परीक्षा को पास करने के लिए दो मौके और देने का फैसला लिया है।
दिल्ली के सरकारी स्कूलों में बतौर अतिथि शिक्षक पढ़ाने वालों की संख्या 17 हजार है। ये लंबे समय से वेतन बढ़ाने और स्थायी नियुक्ति की मांग कर रहे थे।
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