आज शनिवार 27 अक्टूबर को सभी शादीशुदा महिलाएं करवा चौथ का व्रत करती है. अपने पति की लंबी आयु के लिए सुहागिन औरतें चांद की पूजा कर अपना व्रत खोलती है. सुहागिन महिलाओं के साथ साथ कुंवारी लड़किया भी अच्छा वर पाने के लिए करवा चौथ का व्रत करती हैं. एक तरफ जहां शादीशुदा औरतें चांद को देखकर अपना व्रत खोलती हैं, वहीं कुंवारी लड़कियों को चांद नहीं बल्कि तारे देख कर आप अपना व्रत खोलें.
कुंवारी लड़कियां अगर अपने पार्टनर के लिए पहली बार फास्ट कर रही हैं या फिर सालों से उनके लिए व्रत करती आ रही हैं तो करवा चौथ के दिन तारा देखकर ही अपना और अपने पार्टनर का व्रत खोलें. कुंवारी लड़किया अगर आपने पार्टनर के साथ शादी करने जा रही हैं तो ही करवा चौथ का व्रत रखे अन्यथा आपका व्रत पूरा नहीं होगा. शादीशुदा महिलाएं करवा चौथ से एक दिन पहले अपने हाथ पर मेहंदी से अपने पति का नाम लिखवाती है.
कुंवारी लड़किया भी अपने पार्टनर का नाम मेहंदी से लिखवा सकती है. इससे आपके और आपके पार्टनर के बीच प्यार बना रहेगा. कुंवारी लड़कियां सुबह जल्दी उठकर सरगी खाले. सूरज उगने के बाद कुंवारी लड़किया किसी भी तरह का भोग नहीं लगा सकती. शाम को बाकी शादीशुदा महिलाओं के साथ मिलकर करवा चौथ की पूजा में शामिल हो. पूरे विधि विधान के साथ करवा चौथ की पूजा कर माता करवा का पाठ करे. ऐसा करने से चौथ माता का आप पर आशीर्वाद बना रहेगा. शाम को तारों को देखकर अपने पार्टनर के साथ अपना व्रत खोले.